इन्दौर जिले में हुए जल अभिषेक अभियान की शुरूआत

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज रायसेन से राज्य स्तरीय जल अभिषेक अभियान की शुरूआत की गई। इन्दौर जिले में इस अभियान का सांवेर से जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा देपालपुर के ग्राम कनवासा से सांसद शंकर लालवानी ने शुभारंभ किया। इन्दौर जिले में इस अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण और संवर्धन के लिये व्यापक कार्ययोजना तैयार कर आज से कार्य प्रारंभ किये गये। अभियान के अंतर्गत इन्दौर जिले में 80 नए तालाब बनाये जायेंगे। जिले में 550 पुराने तालाबों का जीर्णोंद्धार किया जायेगा। साथ ही गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रोकने संबंधी लगभग तीन हजार छोटे-मोटे कार्य कराये जायेंगे।
सांवेर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जल बचाव के कार्य वर्तमान समय की बड़ी जरूरत है। हमे पानी की हर एक बूंद को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को जन आंदोलन के रूप में किया जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति जल अभिषेक अभियान में भागीदार बने और पानी की बूंद-बूंद को बचाए। सिलावट ने सांवेर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मांडोत के ग्राम सिनोद में 23 लाख रूपये की लागत से बनने वाले अमृत सरोवर तालाब का भूमिपूजन किया। इसी तरह सांसद शंकर लालवानी ने देपालपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत रूद्राख्या के ग्राम कनवासा में 17 लाख रूपये की लागत से बनने वाले नए तालाब का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। यहां आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष गोपाल सिंह चौधरी व जिला पंचायत की सीईओ वंदना शर्मा आदि उपस्थित थे। सांसद लालवानी ने ग्रामीणों का आव्हान किया कि वे जल संरक्षण कार्यों के लिये आगे आयें। उन्होंने पानी की हर एक बूंद को सहजने का संकल्प भी ग्रामीणों को दिलाया।
जिले में आज सभी ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया। बताया गया कि वर्षा काल के पूर्व ग्रीष्म काल में वर्षा जल के संग्रहण और ‘भू जल संवर्धन के उद्देश्य से जलाभिषेक अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य शासकीय योजनाओं के अभिसरण और जन सहभागिता से जल संरक्षण कार्यो का सघन कार्यान्वयन है। अभियान अंतर्गत जनचेतना के प्रसार एवं वातावरण निर्माण हेतु गत 25 मार्च से 5 अप्रैल की अवधि में सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम जल यात्राओं का आयोजन किया गया और जनपद स्तर पर जल सम्मेलन किए गए।

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