इमरान ने कहा- अब अमे‎रिका के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वह अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारना चाहते हैं। उन्होंने अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से हटाए गए इमरान ने पूरे प्रकरण के पीछे विदेशी साजिश को जिम्मेदार ठहराया था। उनका इशारा अमेरिका की ओर था लेकिन अब वह वॉशिंगटन के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। कुछ दिनों पहले जानलेवा हमले में इमरान के पैर में गोली लगी थी। उन्होंने अपने ऊपर हमले के लिए पाक पीएम शहबाज शरीफ समेत तीन लोगों पर आरोप लगाया है।अपने एक साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि वह अब अमेरिका को ‘दोषी’ नहीं ठहराते हैं और दोबारा चुने जाने पर सम्मानजनक संबंध चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान डिफॉल्ट की कगार पर है और देश के आईएमएफ प्रोग्राम की भी आलोचना की। कई विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में अगले साल होने वाले आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ जीत सकती है।
एक साक्षात्कार में जब इमरान से पूछा गया कि वह चुनाव तक इंतजार क्यों नहीं करना चाहते तो उन्होंने कहा कि उन्हें पाकिस्तान की चिंता है जो लगातार नीचे जा रहा है। इमरान ने कहा ‎कि मैं जिस पाकिस्तान का नेतृत्व करना चाहता हूं, उसके सभी के साथ अच्छे संबंध होने चाहिए, खासकर अमेरिका के साथ।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध एक मालिक-नौकर या मालिक और गुलाम के रहे हैं लेकिन इसके लिए मैं अमेरिका से ज्यादा अपनी सरकारों को दोषी ठहराऊंगा। खान ने पाकिस्तान के आईएमएफ प्रोग्राम को भी जमकर कोसा जिसकी शुरुआत 2019 में उनकी सरकार ने की थी। आलोचकों ने इमरान पर अमेरिका, आईएमएफ और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों, जिन पर पाकिस्तान आर्थिक रूप से निर्भर है, के साथ संबंधों को बिगाड़कर देश की अर्थव्यवस्था को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। एक जर्मन न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार में इमरान से पूछा गया कि उनके पास क्या सबूत हैं जिनके आधार पर वह शहबाज शरीफ और सेना पर अपने ऊपर जानलेवा हमले का आरोप लगा रहे हैं। जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल उनके पास सिर्फ परिस्थितिजन्य सबूत हैं।

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