मापुतो : अफ्रीका के दक्षिणपूर्वी तट पर बसा मोजाम्बिक देश इन दिनों आतंकियों के कहर का सामना कर रहा है। यहां आतंकी इतने निर्दयी और निष्ठुर हो गए हैं कि वे बच्चों का भी बेदर्दी से कत्ल कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में उन्होंने दर्जनों बच्चों का सिर कलम कर दिया है। इनमें 11 साल तक के बच्चे भी हैं। आतंकियों का खौफ इतना बढ़ गया है कि हजारों लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर पलायन कर गए हैं। ब्रिटेन स्थित सहायता समूह ‘सेव द चिल्ड्रेन’ ने इस देश की भयावह स्थिति पेश की है।
गांव छोड़ने वाले लोगों ने सुनाई आपबीती
आतंकियों के जुल्म से अपना गांव छोड़ने वाले लोगों से समूह ने बातचीत की है। इस रिपोर्ट में लोगों ने आतंकियों की ‘भयावह क्रूरता’ का जिक्र किया है। लोगों का कहना है कि आतंकी महिलाओं, बच्चों सहित सैकड़ों-हजारों की संख्या में लोगों का बर्बरता पूर्वक कत्ल किया है। एक जगह एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ छिप गई लेकिन उसका एक 12 साल का बच्चा मारा गया। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक 28 साल की एल्सा नाम की महिला ने ‘सेव द चिल्ड्रेन’ को बताया, ‘हमने जंगल में भागकर बचने की कोशिश की लेकिन वे मेरे बड़े बेटे को अपने साथ ले गए और उसका सिर कलम कर दिया। हम कुछ नहीं कर सके। हम बचाने की कोशिश करते तो आतंकी हमें भी मार डालते।’
बच्चों को भी नहीं बख्श रहे आतंकी
रिपोर्ट में एक अन्य 29 साल की महिला अमेलिया के हवाले से कहा गया है कि उसका बच्चा केवल 11 साल का था जब आतंकियों ने उसकी हत्या कर दी। मोजाम्बिक का उत्तरी प्रांत काबो डेलगाडो साल 2017 से आतंकवादियों का गढ़ बन चुका है। बीते वर्षों में यहां आतंक की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। ये आतंकी इस्लामिक स्टेट से जुड़े बताए जाते हैं। साल 2020 से आतंकी अपने हमलों में आंतकी लोगों का सिरकलम करते आ रहे हैं। सेना के साथ मुठभेड़ उनकी आम बात हो गई है। आतंकी इस देश के महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा करना चाहते हैं। गत अप्रैल में आतंकियों ने हदें पार कर दीं। उन्होंने शिटाक्सी गांव में हमलाकर करीब 52 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
अब तक 2700 लोगों की जान गई
राजनीतिक हिंसा पर नजर रखने वाली संस्था ‘आर्म्ड कन्फ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट’ के मुताबिक इस हिंसा में अब तक दोनों पक्षों की ओर से करीब 2700 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 670,000 लोग विस्थापित हुए हैं। मोजाम्बिक की इन आतंकी गतिविधियों पर अमेरिका की नजर है। आईएसआईएस से जुड़ा होने के चलते अमेरिका ने पिछले सप्ताह मोजाम्बिक के इस समूह को एक आतंकी संगठन घोषित किया। मोजाम्बिक स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि वह इस देश के सैनिकों को दो महीने तक प्रशिक्षण देगा। इस देश को संकट से उबारने के लिए चिकित्सा सुविधा एवं संचार उपकरण देने की बात कही गई है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा-देश में रहा युद्ध अपराध
एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि मोजाम्बिक में सभी पक्षों की तरफ से युद्ध अपराध हो रहे हैं। संस्था का आरोप है कि सरकार भी अपने नागरिकों के खिलाफ दमनचक्र चला रही है। हालांकि, मोजाम्बिक की सरकार ने इस आरोप को खारिज किया है। मोजाम्बिक में ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के डाइरेक्टर चांस ब्रिग्स का कहना है कि बच्चों पर हमलों की रिपोर्टों ने ‘हमें अंदर से हिलाकर रख दिया है। हिंसा को रोकने और विस्थापित लोगों की मदद करने की जरूरत है ताकि वे सदमे से उबर सकें।’