बारिश के कारण शहर में डामर की सड़कें उखड़ना शुरू हो गई हैं। बीआरटीएस कारिडोर, तीन इमली चौराहा, बायपास की सर्विस रोड और सरवटे बस स्टैंड के आसपास सड़कों की स्थिति खराब हो रही है। कहीं गड्ढों, तो कहीं सड़क धंसने के कारण वाहन चालक तेज दचके लग रहे हैं, जिससे वे लड़खड़ा जाते हैं। नगर निगम कुछ जगह कच्चा पेचवर्क जरूर कर रहा है, लेकिन बारिश में या तो वह बह जाता है या आसपास फैलता है। इससे वाहनों के फिसलने का खतरा भी बढ़ रहा है।
दिक्कत वहां भी हो रही है, जहां निगम ने सीवरेज या पानी की लाइन के लिए खोदाई की थी और उन्हें लापरवाहीपूर्वक भर दिया गया था। एेसा जगहों पर सड़क या इंटरलाकिंग टाइल्स धंस रही है। पलासिया थाना तिराहा पर रोटरी के पास सड़क धंस रही है, लेकिन उस पर अब तक निगम अफसरों का ध्यान नहीं गया है। बीआरटीएस कारिडोर के डामर से बने हिस्से में भी गड्ढे हो रहे हैं। खासतौर पर पलासिया से एलआइजी चौराहे के बीच सड़कों की तरह उखड़ रही है और गड्ढे उभरने लगे हैं। बारिश में शहर की कई स्ट्रीट लाइट फाल्ट के कारण बंद हो जाती हैं, इसलिए वाहन चालकों को अंधेरे के कारण दोहरी समस्या का सामना करना पड़ता है।
बह जाते हैं कच्चे पेचवर्क पर खर्च किए गए लाखों रुपये
निगम हर साल बारिश के दौरान गड्ढों को भरने के लिए लाखों रुपये खर्च कर कच्चा पेचवर्क कराता है, जो बह जाता है। यह स्थायी समस्या है। मानसून सीजन बीतने के बाद डामर का पक्का पेचवर्क होता है, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। पिछले दिनों बंगाली चौराहा, एलआइजी चौराहा के आसपास और अन्य जगहों पर कच्चा पेचवर्क किया गया है।
दो बातों की अनदेखी से उखड़ती हैं सड़कें
– स्ट्रक्चरल इंजीनियर अतुल शेठ बताते हैं कि सड़कों की कारपेटिंग के समय मटेरियल 115 से 120 डिग्री तापमान पर आना चाहिए और बिछाते समय उसका तापमान 95 से 100 डिग्री होना चाहिए। पेचवर्क के दौरान निगम का सुपरवाइजर मौजूद रहना चाहिए, लेकिन एेसा नहीं होता।
– सड़कों की खोदाई के बाद जिन मानकों का ध्यान रखते हुए रिपेयरिंग होनी चाहिए, वैसी नहीं होती, जबकि निगम भुगतान पूरा करता है।
तात्कालिक राहत के लिए कर रहे कच्चा पेचवर्क
नगर निगम जनकार्य विभाग के अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह का कहना है कि बारिश में हुए गड्ढों से लोगों को तात्कालिक राहत देने के लिए जीएसबी से कच्चा पेचवर्क किया जाता है। बड़े और छोटे गड्ढों को भरने के अलग-अलग मानकों के हिसाब से काम करते हैं। शहर के हर जोन में गड्ढे भरने का काम हो रहा है।