‘ओम शांति ओम’, ‘मैरी कॉम’ और ‘रंगून’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं एक्ट्रेस लिन लैशराम ने एक बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी ने उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ हो रहे नस्लभेद को और बढ़ाया है। उन्होंने अब तक का सबसे डरावना अनुभव भी साझा किया। लिन ने बताया, “जब मैं अपने पैरेंट्स को एयरपोर्ट पर छोड़कर घर वापस जा रही थी तो दो लोगों ने मेरा पीछा किया और मुझे कोरोनावायरस कहकर बुलाने लगे।”
असहाय और गुस्सा महसूस कर रही थीं लिन
एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में लिन ने आगे कहा, “मैं असहाय और गुस्सा महसूस कर रही थी। क्योंकि उत्तर-पूर्व के कई लोग अलग-अलग तरीके से प्रताड़ित हो रहे थे। उन्हें किराने का सामान देने से मना कर दिया। कुछ लड़कियों को देखकर सड़क पर थूका गया। स्टूडेंट्स को उनके पीजी और होस्टल्स से निकाल दिया गया। यह यकीन करना वाकई दुखद था कि अपने देश में हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा।”
बॉलीवुड में उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ भेदभाव
इम्फाल, मणिपुर की रहने 35 साल की लिन ने इस बातचीत में बॉलीवुड में उत्तर-पूर्व के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव पर भी बात की। उनके मुताबिक, जब बॉलीवुड में उत्तर पूर्व के लोगों की बात आती है तो उनके पास उन्हें अजीबोगरीब वेशभूषा में दिखाए जाने और उनके बारे में बकवास किए जाने के अलावा कुछ नहीं है।
वे कहती हैं, “बॉलीवुड में उत्तर-पूर्व से ताल्लुक रखने वाले इकलौते इंसान डैनी डेन्जोंगपा हैं। लेकिन हम उनसे संबंधित नहीं हो सकते। क्योंकि वे धाराप्रवाह हिंदी बोलते हैं और हममे से ज्यादातर ऐसा नहीं कर सकते।”
लिन ने वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन 2’ का उदाहरण देकर कहा कि जब साउथ इंडियन कल्चर को बॉलीवुड में स्वीकार किया जा सकता है तो नार्थ ईस्ट को क्यों नहीं? ‘द फैमिली मैन 2’ में तमिलनाडु के कई कलाकारों (प्रियामणि और सामंथा अक्किनेनी समेत) ने काम किया है और वे तमिल बोलते भी दिखाई दे रहे हैं।
खुद से पहले कोई मणिपुरी एक्टर नहीं देखा
अपनी बॉलीवुड जर्नी को लेकर लिन ने कहा कि उतार-चढ़ाव के बावजूद वे बिना-सोचे समझे बॉलीवुड में आईं और आगे भी काम करती रहेंगी। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि अपने लुक की वजह से मुझे अलग तरह का संघर्ष करना पड़ेगा। गॉडफादर को तो भूल ही जाइए। मैंने कभी खुद से पहले मणिपुरी एक्टर को बॉलीवुड में काम करते नहीं देखा। इंडस्ट्री में एक दशक हो गया। सर्वाइव करने का मंत्र यही है कि कोशिश करते रहें और चीजों के बेहतर होने की उम्मीद करें।”