उमर अब्दुल्ला का केंद्र सरकार से सवाल, कहा साफ करें-“तालिबान” “आतंकी संगठन” है या नहीं?

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नई दिल्ली: कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल के तालिबान (Taliban) के शीर्ष नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूछा, “अगर वे एक आतंकवादी समूह हैं तो आप उनसे बात क्यों कर रहे हैं?”

समाचार एजेंसी से बात करते हुए उमर ने कहा, “तालिबान एक आतंकी संगठन है या नहीं, कृपया हमें स्पष्ट करें कि आप उन्हें कैसे देखते हैं। अगर वे एक आतंकी समूह हैं तो आप उनसे बात क्यों कर रहे हैं? यदि नहीं तो क्या आप (केंद्र) संयुक्त राष्ट्र जाएंगे और क्या इसे आतंकवादी संगठन के रूप में सूची से हटा दिया जाएगा? मन बना लो।”

उमर का बयान कतर में भारत के राजदूत द्वारा तालिबान पक्ष के अनुरोध पर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मिलने के बाद आया है। चर्चा अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर केंद्रित थी।

बातचीत के दौरान, अफगान नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यक जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं की भी बात सामने आई। गौर हो कि भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, नई दिल्ली और तालिबान के बीच बैठक “तालिबान पक्ष के अनुरोध पर” आयोजित की गई थी।

राजदूत मित्तल ने भारत की चिंता जताई कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए और तालिबान प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को सकारात्मक रूप से लिया जाएगा।

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