उमा भारती के विरोध से बैकफुट पर सरकार:MP में बंद हो सकते हैं अहाते; 1-2 रुपए बढ़ सकते हैं देसी शराब के दाम

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मध्यप्रदेश में नई शराब नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विरोध के बाद शिवराज सरकार बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है। नीति का नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके मुताबिक अहाते बंद हो सकते हैं। यदि चालू रखने का निर्णय होता भी है, तो शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ ही देसी शराब के दाम 1 से 2 रुपए तक बढ़ सकते हैं। पिछले साल 23 जनवरी को सरकार ने नई शराब नीति जारी कर दी थी, इस बार उमा भारती के विरोध और कुछ सुझावों के कारण नई शराब नीति अटकी पड़ी है। जिस पर रविवार को फैसला होने की संभावना है।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब नीति को लेकर शनिवार को आबकारी और वाणिज्यिक कर विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। अफसरों ने बताया कि शराब दुकानें धार्मिक स्थलों और स्कूलों से 500 मीटर के दायरे से बाहर करने का फैसला होता है, तो 40% यानी 1443 दुकानें प्रभावित होंगी, जबकि 250 मीटर के दायरे में 902 दुकानें आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को इन प्रस्तावों पर फैसला लेंगे। बता दें कि प्रदेश में 3608 शराब दुकानें और 2611 अहाते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ महीनों से शराब नीति को लेकर सरकार को घेर रही हैं। हाल ही में उन्होंने भोपाल के अयोध्या नगर इलाके के एक मंदिर में तीन दिन तक डेरा डाल रखा था। वे मंदिर के सामने स्थित शराब दुकान और प्रदेश की शराब नीति के विरोध में मंदिर में रहकर विरोध कर रही थीं। यहां से जाने से पहले उन्होंने राज्य सरकार को खुली धमकी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश की शराब नीति हमारे अनुरूप नहीं आई तो शराब दुकानों पर जो होगा, वो नजीर बनेगा। उमा ने यह भी कहा था कि वह नियम विरुद्ध शराब दुकानों में गायें बांधेंगी।

चुनावी साल होने के कारण इस बार आबकारी नीति में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जा रहा है। आबकारी विभाग के ड्राफ्ट के मुताबिक लाइसेंस फीस 10% बढ़ाकर ठेका रिन्यू करने का प्रस्ताव है। नई शराब नीति 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी।

पिछले साल देसी शराब सस्ती करने के लिए शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने का कमाई का मार्जिन घटाया गया था। साथ ही आबकारी विभाग ने उप-दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया था। सरकार ने विदेशी शराब पर एक्साइज डयूटी 10 से 13% तक कम कर दी थी। इससे शराब सस्ती हो गई थी। खपत बढ़ने से सरकार का खजाना भरा और मौजूदा वित्तीय वर्ष में उसे 1300 करोड़ अधिक आय हुई है। खास बात यह है कि वाणिज्यिक कर विभाग फिलहाल शराब पर वैट नहीं बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।

घर पर शराब रखने की लिमिट में बदलाव नहीं

सरकार ने पिछले साल होम बार लाइसेंस देने का निर्णय लिया था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर होम बार खोल सकता है। इसके अलावा, घर पर शराब रखने की लिमिट 4 गुना कर दी गई थी। इससे पहले घर में एक पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति थी। इस बार इस नियम में बदलाव करने का प्रस्ताव भी नहीं है।

बीयर की खपत 49%, तो देशी शराब की 24% तक बढ़ी

मध्यप्रदेश में एक अप्रैल 2022 से शराब दुकानों का नया कंपोजिट शॉप मॉडल लागू किया गया। तभी से बीयर की खपत हर महीने नए रिकॉर्ड बना रही है।

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-20 की तुलना में 2020-21 की तिमाही में बीयर की खपत 49% बढ़ गई है, जबकि देशी शराब की खपत 24% तो विदेशी की 30% बढ़ी है।

आबकारी विभाग ने 2020-21 और 2021-22 को कोविड-19 प्रभावित वर्ष मानकर इस साल की ग्रोथ की तुलना 2019-20 से की है।

विभागीय अधिकारियों की मानें तो देशी शराब के ग्रामीण ठेकों में बीयर पहली बार बेची जा रही है। ज्यादातर वृद्धि वहीं से आ रही है। अप्रैल 2022 में बीयर की खपत 61% तक बढ़ी है।

साल 2021-22 में कुल बीयर का उत्पादन 13.48 करोड़ बल्क लीटर था। 2019-20 की तुलना में यह 31% बढ़ा था।

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