एंडी फ्लावर ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हेड कोच बनने से किया इनकार, सामने आई ये बड़ी वजह

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जिंबाब्‍वे के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर एंडी फ्लावर ने बिजी शेड्यूल का हवाला देते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हेड कोच बनने के ऑफर को ठुकरा दिया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) मौजूदा मुख्य कोच मिस्बाह-उल-हक की जगह फ्लावर को लाना चाहता था। पाकिस्तान को जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज में इंग्लैंड 1-2 से हरा का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद पीसीबी ने फ्लावर को लाने पर विचार किया। फ्लावर इंग्लैंड के मुख्य कोच रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान इंग्लैंड ने पहली बार साल 2010 में टी20 विश्व का खिताब जीता था। 

कई फ्रेंचाइजी के हेड कोच हैं फ्लावर

एंडी फ्लावर को क्रिकेट टीम को कोचिंग देने का काफी अनुभव है। वह दुनिया भर की टी20 लीग में कई फ्रेंचाइजी के हेड कोच हैं। वह पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में मुल्तान सुल्तान्स के और कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) में सेंट लूसिया किंग्स के मुख्य कोच हैं। इसके अलावा जिंबाब्‍वे के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अबुधाबी टी10 लीग में दिल्ली बुल्स के हेड कोच हैं। वह इंग्लैंड की ‘द हंड्रेड’ लीग में ट्रेंट रॉकेट्स के लिए भी यही भूमिका निभा रहे हैं। फ्लावर एक सहायक कोच के रूप में पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) में से भी जुड़े हैं।

ये है फ्लावर के इनकार की बड़ी वजह

खबरों की मानें तो फ्लावर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ऑफर को ठुकराते हुए कहा है कि वह फ्रेंचाइजी क्रिकेट से ज्यादा जुड़े रहना चाहते हैं। इसी कारण वह पाकिस्तान टीम का मुख्य कोच बनने के ख्वाहिशमंद नहीं है। बता दें कि मिस्बाह-उल-हक के पीसीबी के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। पीसीबी मिस्बाह को एक विदेशी कोच से बदलना चाहता है। हालांकि, मिस्बाह के 2021 टी20 वर्ल्ड कप के खत्म होने तक अपने पद पर बने रहने की संभावना है।

एक दशक तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला

एंडी फ्लावर एक दशक से अधिक समय तक जिंबाब्‍वे क्रिकेट टीम का एक अहम हिस्सा रहे। उन्होंने 63 टेस्ट और 213 वनडे मैचों में जिंबाब्‍वे का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टेस्ट में 51.55 के औसत से 4794 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 12 शतक और 27 अर्धशतक जमाए। वहीं, फ्लावर ने वनडे में 35 से ज्यादा के औसत से 6786 रन जुटाए। उन्होंने वनडे में 4 शतक और 5 अर्धशतक जड़े। फ्लावर ने 1992 में भारत के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था। उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला 2003 में श्रीलंका के विरुद्ध खेला।

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