रेलवे द्वारा इंदौर-बुधनी रेल लाइन का काम शुरू किया जाना है। इसके लिए जिले की सांवेर तहसील के किसानों की जमीन अधिगृहित की जाना है। प्रशासन ने किसानों को मुआवजा राशि के लिए सूचना पत्र जारी किए हैं, वहीं किसानों ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया है।
इंदौर-बुधनी के बीच नई रेल लाइन बिछाने के लिए इंदौर जिले में किसानों की करीब 123.50 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहित की जाना है। प्रशासन द्वारा किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें उनके बैंक खातों की जानकारी मुआवजा राशि जारी करने के लिए मांगी गई है। रेलवे लाइन के लिए सांवेर विधानसभा के ग्राम डकाच्या, राऊखेड़ी, लसूडिया परमार, कदावाली बुजुर्ग, कदवाली खुर्द, बीसाखेड़ी, पिपलिया, कलमा, सेमलिया चाऊ आदि गांव की जमीन अधिग्रहित होना है।किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि किसानों को जमीन अधिग्रहण मामले में मुआवजे को लेकर नोटिस दिए हैं। इससे किसानों में कम मुआवजे को लेकर आक्रोश है। कदावली ग्राम में जमीन का भाव ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये बीघा है। जबकि रेलवे 27 लाख रुपये बीघा में जमीन ले रहा है।छह साल में 20 गुना बढ़ गए भावकदवानी खुर्द के रहने वाले किसान जितेंद्र पटेल का कहना है कि हमें जो नोटिस दिए गए है, उसमें 27 लाख रुपये बीघा के हिसाब से मुआवजा तय किया गया है। रेल लाइन का काम छह साल से जारी है और पुरानी गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि उसके बाद जमीन के बाजार भाव 20 गुना तक बढ़ गए। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।पुरानी गाइडलाइन से दे रहे मुआवजाकिसान रामनारायण पटेल का कहना है कि साल 2016 में रेलवे ने जमीन अधिग्रहण के लिए निशान लगाए थे। उस समय यदि जमीन का 25 लाख रुपये बीघा था। करीब छह साल से किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। अब किसानों को मुआवजा राशि पुरानी गाइडलाइन के अनुसार दी जा रही है, जबकि वर्तमान गाइडलाइन ही 63 लाख रुपये हेक्टेयर है।इसके अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इस क्षेत्र में जमीन का बाजार भाव एक से डेढ़ करोड़ रुपये बीघा है। मेरी आठ बीघा जमीन जा रही है और जो बुआवजा मिल रहा है, उसमें आसपास एक बीघा जमीन भी नहीं खरीद सकते।