पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बनी ग्राम पंचायत कोसमी में डायरिया कैसे फैला, फिलहाल इसकी पुष्टि तो नहीं हो पाई है लेकिन वर्तमान समय में कोसमी में फैले डायरिया की स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उधर पीएचई विभाग की लैब रिपोर्ट भी सामान्य आई है। तो वही पीएचई अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है गांव में डायरिया पानी से संभवत: नहीं फैला है. पर सवाल अब भी वही है कि जब पानी से गांव में डायरिया नहीं फैला तो फिर आखिर ऐसी कौन से कारण रहे जिसकी वजह से इतने सारे लोग डायरिया नामक बीमारी की चपेट में आ गए। फिलहाल इसका पता लगाया जा रहा है।
लैब रिपोर्ट आने के बाद पानी की शुरू की गई सप्लाई
नगर के ग्राम कोसमी में फैले डायरियां की स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। मंगलवार को सातवे दिन भी शिविर जारी रहा। लेकिन उसे सिविल में डायरिया नामक बीमारी के एक भी मरीज नहीं मिले बल्कि सिर्फ 06 ग्रामीण ही अन्य बीमारी से पीडि़त नजर आए। जिनका उपचार शिविर के माध्यम से किया गया। उधर पीएचई विभाग से डायरिया मरीजों के घर से लिए गए पानी के सैंपल की लैब रिपोर्ट आ गई। उस लैब रिपोर्ट में पानी में किसी भी प्रकार का बैक्टीरिया नहीं होने की बात सामने आई ।वही लैब रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि डायरिया नामक बीमारी गांव में पानी से नहीं फैली है। जिसके बाद से पंचायत द्वारा गांव में बंद की गई पानी की सप्लाई एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। तो वही अब डायरिया पूरी तरह से नियंत्रण में है ।बताया जा रहा है की डायरिया की बीमारी से पीड़ित कुछ मरीजों का उपचार जारी है जिन्हें जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
लैब रिपोर्ट में गांव के पानी की स्थिति अच्छी आई है- गगन
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत प्रतिनिधि गगन नगपुरे ने बताया कि पीएचई विभाग की सभी लैब रिपोर्ट में गांव के पेयजल की स्थिति अच्छी पाई गई है। इसके बद से गांव में पेयजल सप्लाई भी सुचारू रूप से शुरू कर दी गई है। वही साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा गांव में अब भी शिविर जारी है। फिलहाल डायरिया से पीड़ित मरीज शिविर में नहीं मिल रहे हैं।हमें ऐसा लगता है कि अब यह बीमारी पूर्ण रूप से नियंत्रण में है।
अन्य कारण से डायरियां फैला होगा- उइके
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री बीएल उइके ने बताया कि कोसमी में डायरियां फैलने की खबर के बाद वे स्वयं मौके पर पहुंचे थे। पहले पेयजल को कारण माना जा रहा था।उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए गांव के सभी 39 हैंडपंपों, तीन नलजल योजनाओं के पानी के अलावा डायरियां प्रभावितों के घरों से सेम्पल लेकर भी पानी की लैब में जांच करवाई गई है। सभी जांच में पेयजल की रिपोर्ट में पानी सही पाया गया है। उन्होंने बताया कि दूषित भोजन या मौसम की वजह से डायरियां फैला होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम काम कर रही है। किस वजह से डायरिया फैला है यह तो हम नहीं कह सकते ,लेकिन इतना तो है कि पानी से सम्भवतः डायरिया नहीं हुआ होगा। इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं।अंत मे उन्होंने जिलेवासियों से भी अपील की है कि यदि कहीं भी इस तरह की समस्याएं आती हैं या पानी दूषित होने की आशंका होती है तो वे बेझिझक पीएचई विभाग में उनके पास आ सकते हैं। मामूली फीस जमा कर पानी की जांच करवाई जा सकती है। विभाग के पानी की जांच के लिए सुसज्जित लैब के अलावा पर्याप्त स्टॉफ भी मुस्तैद है।