सरपंच संघ द्वारा की जा रही मनरेगा को लेकर हड़ताल का व्यापक असर वारासिवनी जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाली पंचायतो में दिखाई दे रहा है। हालांकि जनपद पंचायत के सीईओं का कहना है की जनपद क्षेत्र में असर तो पड़ रहा है मगर ४५ जनपदों में मनरेगा योजना से कार्य प्रारंभ है। गौरतलब है की जिले सहित क्षेत्र की मनरेगा कार्यो को नेशनल मॉनिटरिंग सिस्टम में अपडेट किये जाने के आदेश केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा चुके है। मगर इस सिस्टम में कार्य करने में पंचायतों को काफी दिक्कत हो रही है। जिसके कारण ही सरपंच अपने संघ के माध्यम से हड़ताल पर है।
सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे मनरेगा कार्य – सचिव
पद्मेश को जानकारी देते हुये सचिव कमल सिंह वल्के ने बताया की सरपंचो के हड़ताल पर होने के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित मनरेगा के कार्य हो रहे है। प्रतिदिन मजदूर आते है जिन्हे समझा बुझाकर भेजा जा रहा है। वर्तमान समय में हमने पंचायत इसलिये खोली है की मनरेगा के अलावा जो अन्य कार्य है उन्हे संपादित किया जा सके। श्री वल्के ने कहा इन कार्य में जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्य है वही मकान व नल जल योजना का टेक्स भी शामिल है। सरपंचो की इस हड़ताल में हम सचिव गण व रोजगार सहायक गण शामिल नही है।
४५ पंचायतों में चल रहा मनरेगा कार्य – सीईओं
जब इस मामले में पद्मेश ने जनपद पंचायत सीईओं जीसी डहेरिया से चर्चा की तो उन्होने बताया की वारासिवनी की ६० पंचायतों में से ४५ पंचायतों में मनरेगा का कार्य प्रारंभ है। जिसमें २३२ कार्य प्रारंभ है। इन कार्यो में तालाब निर्माण सहित अन्य कार्य शामिल है साथ ही इन कार्यो में ३३७३ मजदूर कार्य कर रहे है जो आज दिनांक तक है। हमने सरपंचो से इस मामले में बात भी की है। जिन्होने हमे आश्वासन दिया है की पंचायत विकास के कार्य होंगे मगर हमारी समस्या का समाधान किया जाये ताकि मजदूरों को समय पर भुगतान किया जा सके। रही बात सचिव व रोजगार सहायक की तो वे अपना कार्य निरंतर रूप से कर रहे है। ऐसे में हम यह बात कह सकते है की सिर्फ मनरेगा के कार्य में ही आंशिक असर पड़ रहा है।