एपिक नंबर एक जैसे लेकिन… बंगाल में वोटर लिस्ट की गड़बड़ी पर चुनाव आयोग ने क्या सफाई दी?

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में दो अलग-अलग राज्यों के वोटरों के एक समान वोटर कार्ड यानी EPIC नंबर वाले सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के मामले में चुनाव आयोग ने सफाई दी है। आयोग ने कहा है कि इस तरह के कुछ मामले जरूर हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि इसमें कोई फर्जीवाड़ा है। आयोग का कहना है कि दो अलग-अलग राज्यों ने सेम एपिक नंबर इस्तेमाल कर लिए। लेकिन वोटरों के नाम अलग-अलग हैं। इसमें वोटर अपने उसी राज्य के पोलिंग बूथ पर वोट डाल सकेगा, जहां की वोटर लिस्ट में उसका नाम जुड़ा होगा।

चुनाव आयोग ने क्या सफाई दी?

चुनाव आयोग का कहना है कि दो अलग-अलग राज्यों में दो वोटरों के एपिक नंबर एक समान हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इनमें से कोई भी मतदाता फर्जी है। हां, भविष्य में इस तरह की कोई समस्या ना पैदा हो। इसके लिए आयोग ने तुरंत कदम उठाते हुए इस पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर मतदाता को यूनीक वोटर कार्ड यानी एपिक नंबर जारी करेगा। ताकि इस तरह की कोई भी समस्या फिर से सामने ना आए। आयोग ने बताया कि भले ही अलग-अलग राज्यों के कुछ वोटरों के इपिक नंबर एक समान हो। लेकिन उनके वोटर कार्ड में अन्य डिटेल जैसे विधानसभा क्षेत्र, पोलिंग बूथ, नाम और एड्रेस अलग-अलग ही होंगे।

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