एमपी में होने वाले स्थानीय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर नही होगा चुनाव

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मध्यप्रदेश के भीतर होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और आगामी दिनों में होने वाले नगरी निकाय चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश जारी करते हुए महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश के भीतर भी इस चुनाव में ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर दिया है। आदेश के मुताबिक अब जिन स्थानों पर ओबीसी आरक्षण के लिए सीट आरक्षित की गई थी उन स्थानों पर सामान्य सीट की तर्ज पर चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाई जाएगी।

इस शब्दावली इस भाषा का अर्थ आप कम शब्दों मैं समझ लीजिए कि जिन स्थानों पर ओबीसी के प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे उन स्थानों को सामान्य सीट घोषित कर दिया गया है। मतलब साफ है कि अब ओबीसी आरक्षण वाले स्थान पर सामान्य रूप से कोई भी प्रत्याशी किसी भी वर्ग का प्रत्याशी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकता है।

आपको बता दें कि पंचायत चुनाव को लेकर 1 हफ्ते से चल रही कशमकश मैं रोजाना कोई ना कोई नया मोड़ आ रहा है इसी कड़ी में। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने कहा है कि अगर चुनाव संविधान के हिसाब से हो रहे हैं तो उसे कंटीन्यू रखें और अगर संविधान के खिलाफ है तो चुनाव रद्द करें। इसका निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को खुद करना है।

कोर्ट के इस आदेश के बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लग सकती है। हालांकि अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से इस मामले में कोई अभिमत नहीं आया है।

एमपी में पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रिया का पालन न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव संविधान के हिसाब से हो तो ही कराइए। मध्यप्रदेश में आरक्षण रोटेशन का पालन नहीं किया गया, यह संविधान की धारा 243 C और D का साफ उल्लंघन है। अभी सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश आना शेष है। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद चुनाव रोकने पर निर्णय लिया जाएगा।

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