एम्बापे, गोकपो, रैशफोर्ड और वेलेंसिया के 3-3 गोल:मेसी समेत 15 प्लेयर्स गोल्डन बूट की रेस में; यहां जानें कौन जीतेगा अवॉर्ड

0

फीफा वर्ल्ड कप 2022 में 29 नवंबर तक 36 मैच पूरे हो चुके हैं। इनमें कई उलटफेर और रोमाचंक मुकाबले देखने को मिले। 9 मुकाबले तो ड्रॉ भी रहे। इस दौरान कीलियन एम्बापे, कोडी गोकपो, मार्कस रैशफोर्ड और एनर वेलेंसिया टूर्नामेंट में 3-3 गोल दागकर गोल्डन बूट की रेस में सबसे आगे हैं। वहीं, लियोनल मेसी और 10 अन्य खिलाड़ी भी 2-2 गोल दाग कर ज्यादा पीछे नहीं हैं।

ऐसे में जानना इम्पॉर्टेंट होगा कि इस टूर्नामेंट का गोल्डन बूट कौन जीतेगा। सबसे पहले जान लेते हैं राउंड ऑफ 16 के लिए कितनी टीमों ने क्वालीफाई कर लिया है…

12 मैचों से 9 टीमें निकलना बाकी
ग्रुप स्टेज में टोटल 48 मैच होने हैं। 24 टीमों के 12 मैच बाकी हैं। इनसे राउंड ऑफ 16 की बची हुईं 9 टीमें तय होंगी। 7 टीमें नॉकआउट राउंड में पहुंच चुकी हैं। इनमें ब्राजील, फ्रांस, पुर्तगाल, नीदरलैंड, सेनेगल, इंग्लैंड और अमेरिका की टीमें शामिल हैं।

गोल्डन बूट की रेस में कौन से खिलाड़ी?
ग्रुप स्टेज में 24 टीमों ने 2-2 मैच खेल लिए हैं। 8 टीमों के 3-3 मैच भी पूरे हो चुके हैं। इनमें इक्वाडोर के एनर वेलेंसिया, नीदरलैंड के कोडी गाकपो, इंग्लैंड के मार्कस रैशफोर्ड और फ्रांस के कीलियन एम्बापे 3-3 गोल दागकर गोल्डन बूट की रेस में टॉप पर हैं। वहीं, अर्जेंटीना के लियोनल मेसी, इंग्लैंड के बुकायो साका और ब्राजील के रिचार्लिसन जैसे टॉप खिलाड़ियों समेत 9 टीमों के 11 खिलाड़ी 2-2 गोल दागकर लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं।

गोकपो, रैशफोर्ड, एम्बापे की टीम नॉकआउट में
3 दिसंबर से नॉकआउट स्टेज शुरू होगा। गोल्डन बूट की रेस में शामिल गोकपो की टीम नीदरलैंड, रैशफोर्ड की टीम इंग्लैंड और एम्बापे की टीम फ्रांस नॉकआउट स्टेज में पहुंच चुकी हैं। ऐसे में तीनों ही खिलाड़ियों के पास नॉकआउट राउंड में गोल कर गोल्डन बूट जीतने के ज्यादा मौके रहेंगे। अगर उनकी टीम जीतीं तो अगले राउंड में भी उनके पास गोल स्कोर करने के मौके रहेंगे।

वेलेंसिया की टीम बाहर
एनर वेलेंसिया की टीम इक्वाडोर ग्रुप स्टेज में अपना आखिरी मैच सेनेगल से हार गई। ग्रुप स्टेज में 3 मैच में एक जीत, एक हार और एक ड्रॉ के साथ टीम प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना सकी। इसलिए उनकी टीम टूर्नामेंट में अब कोई और मैच नहीं खेलेगी। ऐसे में उनके पास ज्यादा गोल करने के सभी मौके खत्म हो गए।

गोल्डन बूट क्या होता है?
फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट उस खिलाड़ी को मिलता है जो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल स्कोर करता है। 2018 के दौरान रूस में खेले गए टूर्नामेंट में इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन को गोल्डन बूट मिला था। उन्होंने 6 मैच में 6 गोल दागे थे। लेकिन, उनकी टीम सेमीफाइनल में क्रोएशिया से हारकर खिताबी रेस में आगे नहीं जा सकी थी। 1982 में हुए टूर्नामेंट के बाद से गोल्डन शू का अवॉर्ड मिलता था। लेकिन, 2010 से इसका नाम बदलकर गोल्डन बूट कर दिया गया।

पिछले 5 वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट
फीफा वर्ल्ड कप के पिछले 5 एडिशन में 4 टीमों के 5 खिलाड़ियों ने गोल्डन बूट जीते। 2018 में इंग्लैंड के हैरी केन को टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 6 गोल करने पर गोल्डन बूट मिला था। 2014 में कोलंबिया के जेम्स रोड्रिग्ज ने 6, 2010 में जर्मनी के थोमस मुलर ने 5, 2006 में जर्मनी के मिरोस्वाल क्लोज ने 5 और 2002 में ब्राजील के रोनाल्डो ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 8 गोल करने के बाद गोल्डन बूट जीता था।

असिस्ट में हैरी केन आगे
टूर्नामेंट के दौरान गोल असिस्ट करने में इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन सबसे आगे हैं। उन्होंने ग्रुप स्टेज के 3 मैचों में अब तक 3 असिस्ट किए हैं। असिस्ट यानी साथी खिलाड़ी को गोल करने के ठीक पहले पास देना। टूर्नामेंट में 6 अलग देशों के 6 खिलाड़ियों ने 2-2 असिस्ट किए हैं। इनमें सर्बिया के एंड्रीजा ज्विकोविच, पुर्तगाल के ब्रुनो फर्नांन्डेज, नीदरलैंड्स के डेवी क्लासेन, इंग्लैंड के हैरी केन, क्रोएशिया के इवान पेरिसिच, स्पैन के जॉर्डी अल्बा और फ्रांस के थियो हर्नांन्डेज शामिल हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here