शासकीय शंकरसाव पटेल महाविद्यालय में अध्यनरत एलएलबी फाईनल वर्ष के छात्र छात्राओं ने परीक्षा परिणाम खराब आने व महाविधालय द्वारा सीसीई में फेल किये जाने को लेकर १७ जनवरी को अपनी ८ सूत्रीय मांगों को लेकर महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला बंदी धरना प्रदर्शन कर विधिक संकाय के एचओडी को हटाने व जनभागीदारी अध्यापिका को कार्य मुक्त कर नई भर्ती करने की मांग की ताकि उनके अध्यापन कार्य में किसी प्रकार की रूकावट न आये। छात्र छात्रा काफी आक्रोश में दिखे जिन्हे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केसी बोपचे, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन व समिति के सदस्यों ने समझाईस देकर उनकी मांगों को मानने की बात कही। जिसके बाद एलएलबी छात्र छात्राओं का आक्रोश शांत हुआ। इस दौरान पूर्व नपाध्यक्ष विक्की पटेल, भाजपा नेता शैलेन्द्र सेठी, जिला पंचायत सदस्य लोमहर्ष बिसेन ने भी मौके पर पहुॅचकर छात्रों की मांगो को जायज ठहराते हुये उनका समर्थन किया। एलएलबी के छात्रों ने धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी थी। जिससे अन्य संकाय के छात्र छात्रा मैदान में ही घूमते दिखाई दिये। प्रात:९ बजे से प्रारंभ यह धरना प्रदर्शन आंदोलन दोपहर १.३० बजे समाप्त हुआ। आंदोलन समाप्ति के पूर्व छात्रों ने एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व जनभागीदारी समिति अध्यक्ष व सदस्यों को सौंपा।
गौरतलब है की विधि के छात्रों की प्रमुख मांग विभाग के एचओडी व अध्यापिका को हटाने की थी। साथ ही अन्य मांगों में सूचना के अधिकार अधिनियम २००५ के अंर्तगत पारदर्शिता व भ्रष्टाचार रहित कार्य किये जाने के अलावा सूचना उपस्थिति रजिस्टर की संस्था भी एचओडी व अध्यापिका द्वारा आज तक पूरी नही की गई है। छात्रों ने महाविद्यालय पर आरोप लगाया की उन्हे शिकायत करने के दौरान सीसीई के अंक कम दिये गये है। एचओडी व अध्यापिका ने शिकायत करने की वजह से ऐसा किया है। छात्रों का यह भी कहना आया की हम से साफ तौर पर दुश्मनी निकाली गई है इसलिये हमे सीसीई के नंबर काफी कम दिये गये है जिसकी जॉच होना चाहिये। जो एलएलबी के छात्र एचओडी व अध्यापिका की बात सुनते है मगर कक्षाओं से अनुपस्थित रहते है उनके नंबर हम से अधिक है। सीसीई में कम नंबर देना हमें पूर्व समय की गई शिकायत को बताया जा रहा है। जो हमने एचओडी व अध्यापिका के खिलाफ की थी। इसके अलावा अन्य मांगे भी उक्त ज्ञापन में शामिल है।
देरी से आते है एलएलबी पढ़ाने वाले अध्यापक
यहां यह बताना लाजमी है की महाविद्यालय में एलएलबी की कक्षा प्रात:९ बजे से लगना चाहिये। मगर छात्र तो आ जाते है शिक्षक ११ व १२ बजे तक आते है। जिससे उनकी पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। वही वे काफी दूर से भूखे प्यासे आते जिसकी वजह से उन्हे घर तक लौटना पड़ता है।
जनभागीदारी की हुई आपातकालीन बैठक
महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किए जाने की सूचना मिलते ही जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष और सदस्य सभी मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्र-छात्राओं से विस्तार से चर्चा कर विषय जाना। जिसके बाद महाविद्यालय में आपातकालीन जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें विधि संकाय के एचओडी एचडी तिरपुड़े को नियुक्त कर जनभागीदारी से सेवा दे रही अध्यापिका को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद पूरी समिति विद्यार्थियों से मुलाकात करने पहुंचे वही विद्यार्थियों से चर्चा कर उन्हें उक्त बात की जानकारी दी गई। वही उनकी समस्त मांगों पर विस्तार पूर्वक आगामी बैठकों में चर्चा किये जाने। जाँच समिति गठित कर विभिन्न आरोपों में जांच करवाये जाने आश्वस्थ किया गया। जिसके करीब 4:30 घंटे के बाद तालाबंदी कर जारी धरना प्रदर्शन को स्थगित किया गया।
पद्मेश को जानकारी देते हुये छात्र केशरी नगपुरे ने बताया की हमे एचओडी व अध्यापिका ने उनके खिलाफ शिकायत करने की वजह से अपना निशाना बनाया है। साथ ही पूर्व समय हमारी अनुशासन हीनता की शिकायत महाविद्यालय प्राचार्य, पुलिस अधीक्षक तक की थी। जिसके बाद हम कुछ छात्रों ने एचओडी व अध्यापिका की शिकायत की थी जिसकी वजह से हमे सीसीई परीक्षा में कम अंक देकर निशाना बनाया गया है। वही परीक्षा के दौरान जब हम उपस्थित थे तो हमे अनुपस्थित दर्शाया गया है। ऐसे में हमारी जो मांग थी इन्हे हटाया जाये उसे मान लिया गया है और अब हमारे एचओडी प्रोफेसर एसडी तिरपुड़े होंगे।
इसी तरह करण कन्नोजे ने पद्मेश को बताया की हम लोग ग्रामीण परिवेश से आते है जो दूर दूर से एलएलबी की पढ़ाई करने महाविद्यालय पहुॅचते है। ऐसे में हमारे संकाय के एचओडी व अध्यापिका हमारे साथ तानाशाह जैसा व्यवहार सिर्फ इसलिये करते है क्योंकि हमने उनकी शिकायत की थी। फिलहाल उन्हे हटाकर हमारी मांग को माना गया है। साथ ही कई बिंदु का ज्ञापन भी हमारे द्वारा सौंपा गया है जिस पर कॉलेज प्रशासन व जनभागीदारी समिति ने हमें पूर्ण रूप से आश्वस्त किया है की उनकी सभी मांगे मान ली गई है।
वही हमारे द्वारा यह मांग भी प्रमुखता से उठाई गई जिसकी जानकारी हमारे द्वारा आरटीआई लगाकर निकाली गई थी। जिसमें प्रत्येक वर्ष महाविद्यालय सभी संकाय के लिये २० लाख रूपये की पुस्तके प्रतिवर्ष खरीदता है। मगर लाईब्रेरी में वे पुस्तके पहुॅचती तक नही है। वर्तमान में हम वर्ष २००१ की पुस्तकों से अध्यन कर रहे है। हम जानना चाहते है की जब पुस्तके हमे उपलब्ध ही नही हो रही है तो पुस्तक या फिर उनकी राशि कहां जा रही है जिसकी जॉच की जानी चाहिये।
इस संबंध में जनभागीदारी समिति अध्यक्ष प्रफुल्ल बिसेन ने पद्मेश को बताया की छात्रों की जो मांग थी वो जायज थी जिसे हमारी समिति ने मान लिया है। हमने तत्काल प्रभाव से एचओडी को हटा दिया है, जनभागीदारी से जो अध्यापिका थी उनको कार्य मुक्त कर दिया गया हैं। वही नई भर्ती करने के लिये शीघ्र ही प्रस्ताव लेकर विज्ञापन निकाला जायेगा। श्री बिसेन ने बताया की अन्य शिक्षको को पर लगने वाले आरोपो के लिये एक जॉच समिति का गठन भी किया गया है। जिसमें छात्रों द्वारा जो पुस्तक खरीदी के व अन्य आरोप एचओडी व अध्यापिका पर लगाये गये है उसके लिये भी जांच समिति का गठन किया जायेगा वो जॉच के बाद हमारी जनभागीदारी समिति के समक्ष रिपोर्ट आयेगी जिस पर हमारे द्वारा विधिवत कार्यवाही की जायेगी।