सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कार्य बल का गठन किया है। इसमें 12 सदस्य हैं। यह राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को ऑक्सीजन के वैज्ञानिक आधार पर आवंटन की कार्यप्रणाली बनाएगा। पूरे देश के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता, उपलब्धता और वितरण के आधार पर मूल्यांकन करने का काम करेगा। महामारी प्रबंधन को लेकर शोध करेगा और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराएगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की बेंच ने छह मई काे इस कार्य बल काे लेकर आदेश जारी किया था। आदेश काे सुप्रीम काेर्ट की वेबसाइट पर शनिवार काे अपलाेड किया गया। इसके अनुसार, कार्य बल में केंद्रीय कैबिनेट सचिव पदेन सदस्य और संयाेजक हाेंगे।
कार्य बल अपनी सहूलियत के लिए एक या एक से अधिक उप-समूह बना सकेगा। ये समूह क्षेत्राें के आधार पर हाे सकते हैं। कार्य बल यह देखेगा कि किस राज्य को वैज्ञानिक, तर्कसंगत, न्यायसंगत आधार पर कितनी ऑक्सीजन चाहिए। उसी के अनुसार ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
6 माह के लिए किया गया है कार्य बल का गठन
कार्य बल का गठन छह महीने के लिए किया गया है। इस अवधि में वह अपनी रिपोर्ट व सिफारिशें तैयार करेगा। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, कार्य बल को यह स्वतंत्रता हाेगी कि वह केंद्र के संसाधनों का इस्तेमाल जानकारी लेने तथा सलाह के लिए कर सकती है।
इसके लिए विभिन्न विभागों को कार्य बल के साथ काम करना होगा। इसमें नीति आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय जनसांख्यिकी केंद्र, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय के सचिव सहयोग करेंगे।