शुक्रवार को वारासिवनी शहर पूरी तरह से बंद रहा इस बंद को शहर के छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारियों ने पूरी तरह खुलकर समर्थन दिया जिससे बीते कई वर्षों बाद बंद को इतना अधिक समर्थन दिए जाने की बात सामने आई। क्या चाय की दुकान क्या पान के ठेले सब्जी बाजार से लेकर किराना दवा की दुकान सराफा बाजार हर एक दुकान पर ताले लटके रहे और पूरे बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। निश्चित ही वारासिवनी की इतनी अधिक एकजुटता पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल आपको बता दें यह बंद की पूरी वजह वारासिवनी नगर में 7 दिसंबर को सम्राट केबल के संचालक शिशिर पवार के द्वारा कर्मचारियों के साथ मिलकर नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी के घर के भीतर मारपीट कर अपमानित किया गया था।
इस बात से व्यापारी चल सामाजिक एवं जनप्रतिनिधियों आक्रोश व्याप्त है उन्होंने बकायदा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 9 दिसंबर की शाम 5 बजे तक का वक्त दिया था और इस बात का ऐलान कर दिया था कि निर्धारित समय के दौरान यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वे 10 दिसंबर को वारासिवनी बंद का आह्वान करेंगे।
तय समय में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई तो व्यापारियों ने बंद का आव्हान किया जिसको इतना अधिक समर्थन मिल गया।
10 दिसंबर की सुबह से ही प्रतिष्ठित व्यापारी को अपमानित करने वाले आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग को लेकर व्यापारी संघ के नगर बंद के आव्हान पर सुबह व्यापारियों ने नगर का भ्रमण किया।
इस दौरान नगर में कपड़ा व्यापारी सब्जी व्यापारी सराफा व्यापारी किराना व्यापारी दवा दुकान सहित समस्त प्रकार के प्रतिष्ठान और कृषि उपज मंडी बंद रही। इस दौरान रोड़ों पर घूमने वालों की भीड़ ही नजर आए बाकी पूरा नगर पूरी तरह बंद रहा इस दौरान किसी भी व्यापारी के द्वारा कोई भी प्रतिष्ठान को बंद कराने के लिए बात नहीं की गई, लोगों ने स्वेच्छा से ही दुकान सुबह से नहीं खोली।
क्योंकि लोगों में सम्राट केबल के संचालन के द्वारा जो कर्मचारियों के साथ मिलकर वारदात की गई उससे आक्रोश भरा हुआ है जो बंद प्रतिष्ठानों के रूप में देखने को मिला जिन्होंने कड़ी कार्यवाही की मांग की।
इसी दौरान नगर के श्री राम मंदिर में दोपहर 3 बजे व्यापारी संघ वारासिवनी के तत्वाधान में व्यापारी और गणमान्य नागरिकों की बैठक आयोजित की गई।
यह बैठक समाजसेवी संजय सिंह कछवाहा की अध्यक्षता में प्रारंभ की गई जिसमें उपस्थित जनों के द्वारा घटित हुई घटना की निन्दा एवं आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सम्राट केबल के संचालक के द्वारा इस प्रकार की जो घटना की गई है वह नई नहीं है यदि आप नगर के किसी भी गली में जाओगे तो इस प्रकार की घटनाएं उसके द्वारा कई बार की गई है वह सुनने मिल जायेगा और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
बैठक में उपस्थित व्यापारी संघ के अध्यक्ष जुगल किशोर खंडेलवाल ने बताया कि आज यह घटना श्री अग्रवाल और सत्यम शर्मा के साथ हुई है कल को कोई अन्य व्यापारी के भी साथ हो सकती है ऐसे में इसकी पुनरावृति ना हो इस पर जोर दिया जाए और यदि प्रशासन जल्द गिरफ्तारी नहीं करता है तो जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स से चर्चा कर पूरे जिले को बंद कराने का प्रयास किया जाएगा।
इस दौरान एक बात पर विशेष रूप से चर्चा की गई की आरोपियों के द्वारा पीड़ित पक्ष पर एट्रोसिटी के तहत अपराध पंजीबद्ध करवाने के लिए आवेदन जिला स्तर पर दिया गया है ऐसे में यदि पुलिस बिना मामले की गंभीरता को जाने कुछ कार्यवाही करती है तो यह गलत होगा जिसके लिए पुलिस प्रशासन को सहयोग करना होगा क्योंकि हम तो हमेशा ही सहयोग कर रहे हैं कभी पुलिस प्रशासन भी हमें सहयोग करें सहित अन्य प्रकार की बातें कही गई।
प्रतिष्ठित व्यक्ति का अपमान करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने व पुलिस की कार्यवाही से असंतुष्ट चल रहे व्यापारियों के द्वारा वारासिवनी बंद कर विरोध प्रदर्शन किया गया। और राम मंदिर की बैठक के बाद नगर के समस्त व्यापारी सैकड़ों की भीड़ में रैली निकालकर पुलिस थाने पहुंचे जहां पर घटना का जायजा लेने पहुंचे एडिशनल एसपी नक्सल डॉक्टर अरविंद से मुलाकात कर आरोपी को गिरफ्तार करने धाराओं में वृद्धि करने सहित अन्य प्रकार की विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
जिसमें बताया कि सत्यम शर्मा के साथ मामूली बात को लेकर शिशिर पवार और सम्राट केबल के कर्मचारियों के द्वारा बेरहमी से पिटाई कर दी गई। तो सत्यम को अनुराग अग्रवाल ने अपनी दुकान में लेकर गया जहां पर पुष्पा शर्मा बबीता अग्रवाल दो महिला होने के बावजूद भी उनके द्वारा अशोभनीय हरकत की गई और सम्राट केबल के संचालक व कर्मचारियों के द्वारा चारों महिला पुरुषों के साथ मारपीट की गई है।
इस घृणित आपराधिक कृत्य के बाद पुलिस ने सम्राट सिटी केबल संचालक सुशील पवार व अन्य लोगों के खिलाफ 452 294 323 एवं 34 भादवी की धारा के तहत अपराध कायम किया और 7 दिसंबर की यह घटना है जिसमें वर्तमान तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। जो मामला दर्ज किया गया है उसमें आरोपी शिशिर पवार व अन्य लोगों के विरुद्ध महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने के लिए धारा 354 और धारा 458 नहीं लगाई गई है जिसे जोड़कर निष्पक्ष जांच हो।