जिला मुख्यालय के बाहर से आने वाले मरीजों का इलाज हो सके इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल में ओपीडी का समय 4 बजे तक का किया गया है लेकिन दोपहर 2:30 बजे से 4 बजे तक की ओपीडी में बहुत कम चिकित्सक नजर आते हैं।
इस दौरान जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को इलाज के लिए बहुत परेशान होना पड़ता है। गुरुवार को भी कई मरीजों को चिकित्सकों का इंतजार करते हुए देखा गया, वही कुछ मरीज डॉक्टर मौजूद नहीं होना पाकर बिना इलाज कराए वापस लौट गए।
मीडिया के संज्ञान में इस विषय को लाया गया कि कुछ चिकित्सक अपने मनचाहे समय में ओपीडी में पहुंचते हैं खासकर दोपहर 2:30 बजे के बाद की ओपीडी में लापरवाही बरती जाती है। डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ता है।
यह जानकारी मिलने पर पद्मेश न्यूज़ की टीम गुरुवार को जिला अस्पताल पहुंची जहां अंदर के ओपीडी रूम में डॉ प्रशांत जैन और डॉ सुधा जैन ही मौजूद मिली, वही अन्य डॉक्टरों के ओपीडी कक्ष के सामने लोग डॉक्टरों का इंतजार करते दिखाई दिये।
सिविल सर्जन डॉ अशोक लिल्हारे ने बताया कि जिला अस्पताल में जितने चिकित्सक पदस्थ होना चाहिए उसके एवज में एक तिहाई चिकित्सक ही पदस्थ है। इन्ही से कार्य कराना पड़ता है पूरे मध्यप्रदेश में चिकित्सकों की कमी है इसके बावजूद भी जितनी अच्छी हो सके सेवाएं दे रहे हैं।
निश्चित ही जिला अस्पताल में क्लास वन चिकित्सक की 33 पोस्ट है जिसमें से 9 चिकित्सक ही काम कर रहे हैं वही क्लास टू के 24 पदों में से 6 चिकित्सक ही काम कर रहे हैं। शासन प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि गरीब जनता को प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज कराने मोटी रकम के लिए परेशान न होना पड़े।