ओवर चार्जिंग से बैटरी के गर्म होने के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों में लग रही आग चार्ज करते समय करे पावर प्लग का इस्तेमाल

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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती मंहगाई के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता भले ही बढ़ रही हो, लेकिन एक के बाद एक आग लगने की घटनाओं से लोगों के मन में डर बैठ रहा है। पिछले कुछ माह में इलेक्ट्रिक वाहन खासकर इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग लगने की घटनाएं सामने आई है।
ताजा मामला तेलंगाना के सिकंदराबाद का है, जहां इलेक्ट्रिक वाहन शोरूम में आग लगने की भयावह घटना सामने आई है। इस घटना में अभी तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले में ईवी में आग लगने को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि अभी तक किसी एक घटना में इतने लोगों की जानें नहीं गई थी। बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन मंत्रालय सिकंदराबाद में घटी घटना की जांच कराने पर विचार कर रहा है।
सरकार इसके पहले भी इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं का कारण जानने का प्रयास कर चुकी है। इसके लिए डीआरडीओ के एक लैब को जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी। डीआरडीओ लैब ने बैटरी की खराब क्वालिटी को आग लगने के लिए जिम्मेदार सबसे बड़ा कारण बताया था।
इसके बाद सरकार ने ओला, ओकिनावा सहित तमाम इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और सभी को सेफ्टी पर ध्यान देने को कहा था।इन्हीं प्रयासों के तहत 1 अक्टूबर से सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में सेफ्टी प्लग दिया जाने वाला है। हालांकि इसतरह लोगों की संख्या लाखों में है, जो पहले से ही ईवी खरीद चुके हैं।
यह सबसे आम गलती है, लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को रात में खर्च पर लगाकर छोड़ देते हैं। ओवर चार्जिंग से बैटरी के गर्म होकर फटने का खतरा रहता है, जो अंतत: आग लगने और जान पर जोखिम उत्पन्न करने का कारण बनता है। मोबाइल फोन के मामले में भी इसी कारण आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी ईवी बैटरी जितनी देर में चार्ज हो जाती है, उसके बाद चार्जिंग से हटा दें।
इसके साथ ही प्लग मुख्य तौर पर दो प्रकार के होते हैं। एक होता है, सामान्य प्लग, जो मोबइल चार्ज करने, लैपटॉप चार्ज करने जैसे कामों में इस्तेमाल होता है। दूसरा होता है पावर प्लग, जिसका इस्तेमाल उन उपकरणों के लिए किया जाता है, जो ज्यादा बिजली की खपत करते हैं। एसी से लेकर हीटर जैसे उपकरणों के लिए इसी प्लग का इस्तेमाल किया जाता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को चार्ज करने में भी अधिक बिजली की खपत होती है। इसके बाद सामान्य प्लग का इस्तेमाल करना भी कई बार आग लगने का कारण बन जाता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की घटनाओं में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ तेजी आई है। इसका मतलब हुआ कि आग लगने का तापमान से सीधा कनेक्शन है। अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाते हैं, तब उसे धूप में न खड़ा करें। बैटरी को आग के नजदीक न रखें। इस कारण बैटरी के फट जाने का खतरा रहता है।

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