कटंगी थाने के सनसनीखेज कटेरा बलवा कांड

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बालाघाट अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की विद्वान अदालत ने थाना कटंगी के सनसनीखेज कटेरा बलवा कांड में आठ आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की कठोर कारावास और प्रत्येक को तीन तीन हजार रुपये अर्थदंड दंडित किये। इन आठ आरोपियों में से एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। सन 2016 में हुए इस बलवा कांड के दौरान इन आरोपियों ने नवविवाहिता की मौत की मर्ग जांच करने पहुंचे पुलिस अधिकारीऔर कर्मचारियों से मारपीट और शासकीय पुलिस वाहन मोटरसाइकिलो को तोड़फोड़ कर छति पहुंचाई थी। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी कपिल कुमार डहेरिया विशेष लोक अभियोजक/ जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई थी।

अभियोजन के अनुसार कटंगी थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम कटेरा में नवविवाहिता योगिता की मृत्यु होने पर 23 मार्च 2016 को उप निरीक्षक बलराम सिंह राठौर हमराह बल और तहसीलदार श्री भवेदी के साथ ग्राम कटेरा गए थे। जहां मर्ग कार्यवाही के दौरान मृतिका के मायके पक्ष उनके रिश्तेदार उनके आसपास के गांव के काफी लोग एकत्रित और आक्रोशित होकर शोर शराबा करने लगे।। जिनको समझाने के बाद तहसीलदार श्री भवेदी
द्वारा पंचनामा कार्रवाई की गई तथा वरिष्ठ अधिकारियों को फोन करके बल मांगा गया था। तब जिले के अन्य थाना क्षेत्र एवं पुलिस लाइन बालाघाट से बल ग्राम कटेरा पहुंचा था। भीड़ द्वारा शव को पीएम हेतु भेजने का विरोध करने लगे।। शव को बड़े मुश्किल से समस्त फोर्स की मदद से गांव कटेरा के स्कूल से 300 मीटर आगे तक रवाना कर कटंगी भेजा गया। करीब डेढ़ सौ लोग डंडे एवं लोहे की रॉड लिए हुए थे। शव रवाना करने की बात पर आक्रोशित होकर मृतिका योगिता के ससुराल पक्ष को मारना चाहते थे। मृतिका योगिता के ससुराल के लोगों को सुरक्षार्थ रवाना किया गया था। मृतिका योगिता के ससुराल रामदयाल के निवास पर ढाई सौ से 300 लोग थे। जिनमें से कुछ मोटरसाइकिल एवं कुछ पैदल जाकर चारों तरफ से घेर लिया गया था। घर में रखी मोटरसाइकिल फर्नीचर आदि सामान जला दिए थे और घर के पास खड़े रामदयाल के ट्रैक्टर को निकाल कर उसकी आग लगाने लगे थे। भीड़ को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन वे नहीं माने ट्रैक्टर जलाने आमाद हो रहे थे एवं डीजल टैंक का पाइप खोलकर आग लगाने के लिए डीजल निकालने लगे। तब पुलिस फोर्स एवं एसडीएम कटंगी द्वारा उनको समझाया गया और रोका गया किंतु वह नहीं माने भीड़ में कुछ लोग जो एक दूसरे को मनोज साहू, मनोज मेश्राम, दशाराम चौधरी, देवेंद्र देशमुख, रामेश्वर लोहार, अशोक कोसरे भरतलाल क्षीरसागर, रामेश्वर राहंगडाले के नाम से पुकार रहे थे। इन व्यक्तियों सहित करीब 150 अज्ञात लोग पुलिस बल पर पथराव करने लगे एवं डंडों पाइप राड़ से पुलिस कर्मियों को मारने लगे। आरक्षक घनश्याम डहरिया की नेम प्लेट देखकर उसे जातिगत अपमानित कर उसको डंडे और राड़ से मारने लगे, उसे देखकर बोलने लगे कि यह थानेदार है यही सब करवा रहा है। और उसे लाठी और लोहे के पाइप से मरने लगे बोल रहे थे कि तब तक मारो जब तक यह मर ना जाए और घनश्याम डहेरिया को लाठी एवं राड़ के पाइप से जान से मारने की नीयत से सिर में लाठी और राड़ से मारे, वह जैसे तैसे वहा से निकलने का प्रयास करने लगा तो उन लोगों ने उसे पीठ पर डंडा से मारे जिससे वह घायल हो गया था। यदि हेलमेट नही पहना होता तो निश्चित ही उसकी मृत्यु होना संभव थी ।इन हमलावरों ने अन्य पुलिस कर्मचारी एसडीओपी जे एन मरकाम आरक्षक घनश्याम डहरिया, आरक्षक ललित देशमुख, आरक्षक जितेश सरादे, आरक्षक सोनी, आरक्षक सुरेंद्र पांडे, आरक्षक हरिसिंह मरावी, आरक्षक शेखर बघेल, आरक्षक संतोष कुमार, आरक्षक अभिषेक बघेल, आरक्षक नागेश बघेल, आरक्षक योगेश ठाकुर ,आरक्षक रूपनारायण राजपूत को डंडे राड़ पत्थरों से मारपीट कर चोट पहुंचाई थी। और पुलिस थाना कटंगी और तिरोड़ी के शासकीय वाहन और आसपास खड़ी मोटर साइकिलों को तोड़फोड़ कर छति पहुंचाई गई थी। इस मामले में आरोपी मनोज पिता झोलीराम साहू 38 वर्ष ग्राम घुनाड़ी थाना कटंगी ,मनोज पिता उदन गेडाम ग्राम सिर्रा थाना वारासिवनी, दशा राम पिता जियालाल चौधरी 46 वर्ष ग्राम बोपली थाना कटंगी, देवेंद्र पिता भवन लाल देशमुख 40 वर्ष ग्राम बिरसोला थाना कटंगी ,रामेश्वर उर्फ कल्लू पिता रामचंद्र राहंगडाले 35 वर्ष ग्राम कटेरा थाना कटंगी, अशोक पिता जग्गू लाल कोसरे 51 वर्ष वार्ड नंबर 13 ग्राम छतेरा कटंगी, भरत लाल पिता गोकुल क्षीर सागर 64 वर्ष ग्राम भटेरा चौकी वार्ड नंबर 2 थाना कोतवाली बालाघाट, रामेश्वर पिता सूर्य प्रकाश शेंडे 38 वर्ष ग्राम निलज पोस्ट नवेगांव तहसील मोहाड़ी थाना करंडी जिला भंडारा महाराष्ट्र के विरुद्ध थाना आजाद बालाघाट में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया और विवेचना उपरांत सभी अभियुक्त गण के विरुद्ध अभियोग पत्र पेश किया गया था यह प्रकरण बालाघाट में अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में चल रहा था। 19 नवम्बर को अनुसूचित जाति जनजाति के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया विशेष अदालत ने इस मामले में आठ आरोपियों को सजा सुनाई इस मामले मैं आठ आरोपियों में से एक आरोपी मनोज गेडाम की मृत्यु हो चुकी है। विद्वान अदालत ने मनोज गेडाम जिसकी मृत्यु हो चुकी है के अलावा मनोज साहू, दशाराम चौधरी, देवेंद्र देशमुख, रामेश्वर उर्फ कल्लू राहंगडाले, अशोक कोसरे, भरतलाल क्षीरसागर, रामेश्वर शेंडे आरोपी को धारा 148 भादवि के तहत अपराध में 6 माह के कठोर कारावास, धारा 332 भादवि के तहत अपराध में एक वर्ष के कठोर कारावास और 1000 रूपये अर्थ दंड, धारा 353 भादवि के तहत अपराध में 6 माह के कठोर कारावास, धारा 435/149 भादवि के तहत अपराध में 3 वर्ष के कठोर कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड से दंडित किये।

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