कट्टरपंथी, ISI और NGOs की तिकड़ी ने बांग्लादेश को सुलगा दिया, जानें क्यों भारत के लिए भी है सबक

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पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों हिंसा और अराजकता से जूझ रहा है। बांग्लादेश में देशव्यापी कर्फ्यू लागू किया गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार मुसीबत में है। ये पूरा मामला आरक्षण को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ, जो देखते-देखते राजनीतिक आंदोलन में तब्दील हो गया। वहां के हालात इतने खराब हैं कि वहां पढ़ने वाले भारतीय छात्र देश वापस लौट आए हैं। गौर करने वाली बात ये है कि बांग्लादेश में हिंसा भड़काने में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का नाम सामने आया है। इसके अलावा पाकिस्तान के समर्थन वाले एनजीओ जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट विंग छत्र शिबिर की हिंसा भड़काने में बड़ी भूमिका है। भारत के लिहाज से बांग्लादेश के मौजूदा हालात एक अलर्ट है। भारत में भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, कट्टरपंथी तत्व और एनजीओ गड़बड़ी की कोशिश कर सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर के चुनावों को टारगेट करने की साजिश!
चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। लेकिन इन चुनावों में तबाही मचाने की पाकिस्तान साजिश रच रहा है। भले ही पाकिस्तान खुद को आतंकी संगठनों से अलग रखने का ढोंग रखता है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि वो कैसे आतंकियों को पनाह देता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक वीडियो सामने आया है जिससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में चुनावों में तबाही मचाने के लिए आतंकियों को ट्रेन किया जा रहा है। इन आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई खुद ट्रेनिंग दे रही है। पाकिस्तान कभी नहीं चाहता कि घाटी में शांति बहाल हो और वहां चुनाव सफलतापूर्वक हो पाएं।

हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमले
पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल होते नहीं देख सकता है, इसलिए लगातार नापाक हरकतें करता रहता है। पिछले कुछ दिनों में घाटी में हुए आतंकी हमले इस बात का सबूत है। जैसे-जैसे जम्मू-कश्मीर में चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे ही आतंकी हमले बढ़ गए। भारत की सुरक्षा एजेंसियों को भी पाकिस्तान के मंसूबों का पता है। एक तरफ जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले तो दूसरी ओर बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन… इन सबके तार आपस में जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में भारत के सुरक्षा बल भी अलर्ट हो चुके हैं। आर्मी चीफ ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। इसके अलावा गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की हाई लेवल की बैठकों का दौर जारी है।

क्या बांग्लादेश में हिंसा पाकिस्तानी साजिश है?
हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन हिंसक हो चुका है। पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई और जमात-ए-इस्लामी द्वारा हिंसा भड़काने और विरोध प्रदर्शनों को राजनीतिक रंग देने में भूमिका की जांच की जा रही है। अब तक एक हजार से ज्यादा भारतीय छात्र बांग्लादेश से लौट चुके हैं। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई शेख हसीना सरकार को गिराना और विपक्षी बीएनपी को सत्ता में वापस लाना चाहती है। ऐसा पहली दफा नहीं हो रहा। आईएसआई पहले भी हसीना सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर चुकी है। हालांकि हसीना सरकार इस हिंसक प्रदर्शन में पाकिस्तान, अन्य पश्चिमी देशों और एनजीओ की संलिप्तता की जांच कर रही है।

पाकिस्तान अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहा
पूर्व विदेश सचिव और ढाका में उच्चायुक्त रहे हर्षवर्धन श्रृंगला बताते हैं, ‘ऐसी खबरें हैं कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात के पीछे कट्टरपंथी तत्व हैं। इसमें छत्र शिबिर का नाम सामने आ रहा है, जो पाकिस्तान समर्थक जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट विंग है। इसके अलावा वहां की विपक्षी पार्टी बीएनपी भी विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों में शामिल है। इसने आंदोलन को एक राजनीतिक रंग दिया है। ऐसे अन्य तत्व भी हो सकते हैं जो बांग्लादेश के हितों के खिलाफ हैं, जैसे कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, जो अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रही है।

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