कमलनाथ कहते हैं, अपने नाम को लेकर उनको इलेक्शन में नुकसान झेलना पड़ा है। लोग कमल के फूल पर ठप्पा लगाकर समझते थे ये वही कमलनाथ है…। पढ़िए, राहुल की यात्रा, राम मंदिर, गुजरात चुनाव से लेकर मोदी और शिवराज जैसे मुद्दों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उपमिता वाजपेयी की खास बातचीत…
राहुल की यात्रा से कांग्रेस को कितना फायदा होगा?
भारत जोड़ो यात्रा की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि संविधान गलत हाथों में है। कोई देश ऐसा नहीं, जो ऐसी यात्रा निकाल सके।
भाजपा मप्र में मोदी को चेहरा रखेगी, कांग्रेस क्या राहुल को?
राहुल-सोनिया तो हमारा चेहरा हैं ही। इस यात्रा के बाद राहुल गांधी जी एक और जबरदस्त चेहरा हो जाएंगे। लोगों को राहुल गांधी पर अब विश्वास
होने लगा है।
क्या लोगों को पहले राहुल पर विश्वास नहीं था?
अब ये विश्वास बढ़ रहा है और लोगों में मोदीजी को लेकर थकावट आ रही है। कहते हैं ना पेट भर गया। एक्सपायरी डेट होती है। गुजरात-हिमाचल में हम अच्छे नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं।
गुरुद्वारे विवाद को लेकर कुछ एहतियात बरतेंगे?
वहां कुछ हुआ ही नहीं। मैं जब था, तब तो सम्मान किया। भाजपा के तत्वों ने ये सब करवाया।
कोई कहता है, कांग्रेसी नेताओं का हाथ है?
हम इसकी इन्क्वायरी कर रहे हैं। भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं। बेरोजगारी-महंगाई की बात वो कर नहीं सकते।
दिग्विजय को आपने राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनने दिया?
मैंने क्यों रोका? फैसला सर्वसम्मति से हुआ। सोनियाजी का जो फैसला होता, मंजूर था। न मैंने किसी का समर्थन किया, न विरोध। बस मैं एक बात कह रहा था कि मैं मप्र नहीं छोडूंगा।
मप्र नहीं छोड़ने की जिद क्यों?
हमारे यहां 10 महीने बाद चुनाव हैं। अगर मैं चला जाऊंगा तो मेरा फोकस कम हो जाएगा और ये मेरे मप्र कांग्रेस परिवार के लिए सही नहीं होगा।
आप सीएम बनना चाहते हैं?
ये मेरा टारगेट नहीं है। मैं सिर्फ कांग्रेस को वापस मप्र में लाना चाहता हूं।
खबर है कि बहुत सारे कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़ने की फिराक में हैं ?
ये सब बातें उड़ती रहती हैं। फलाना विधायक जाने को तैयार है..। मुझे सब विधायकों पर विश्वास है।
भाजपा जरूर उन्हें ऑफर देती
रहती है। कोई किसी से मिले तो कहने लगते हैं, जाने वाला है। अभी मैं ही शिवराजजी से मिला था तो उसी में कोई एंगल बना दें।
आपके तो नाम में ही कमल है, आपको कभी भाजपा ने ऑफर नहीं भेजा?
उससे बड़ा नुकसान होता है। इस चक्कर में मेरे 10-15 हजार वोट उधर चले जाते थे। वोटर कमल का फूल देखते थे तो समझते थे यही कमलनाथ है और ठप्पा लगा देते थे।
राम मंदिर पर कुछ कहेंगे?
राम मंदिर पर भाजपा कितनी पॉलिटिक्स करेगी, जबकि उसका ताला तो हमने ही खोला था।
आपके लिए बड़ी चुनौती क्या शिवराज हैं?
मेरे लिए चुनौती बीजेपी का संगठन है।
शिवराज कहते हैं, आप पुलिस-प्रशासन को आतंकी की तरह धमकाते हैं?
मैंने किसी को धमकाया नहीं। अगर मैं पुलिस को कानून की इज्जत करने को कहूं तो क्या ये डराने की बात है?
कांग्रेस में व्यक्ति को वोट मिलता है। पिछली बार महाराज को वोट मिले थे?
सिंधिया तो अपनी सीट भी हार गए। सब उन्हें पहचान गए। उनके गढ़ के मेयर हमने जीते।
भाजपा परिवारवाद के क्राइटेरिया को मानती है, कांग्रेस के मप्र के दोनों बड़े नेताओं के बच्चे पॉलिटिक्स में हैं..?
सिंधिया का बेटा भी पॉलिटिक्स में घूम रहा है। मेरे बेटे को मैंने छिंदवाड़ा तक सीमित रखा है। परिवारवाद है तो है। मुझे इससे दिक्कत नहीं। बुश अमेरिका के प्रेसिडेंट थे तो उनका बेटा भी बना ना। स्पोर्ट्स में देखो, टेनिस प्लेयर का बेटा जबरदस्त प्लेयर बनता है। तो क्या ये परिवारवाद है। राजनीति मेरिट पर चलती है।