वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में २० अक्टूबर को अखंड सौभाग्यवती होने का महापर्व करवा चौथ सुहागिन माता बहनों के द्वारा हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया। इस दौरान महिलाओं के द्वारा घरों और मंदिरों में सामूहिक रूप से करवा माता ,भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर हर्षोल्लास के साथ करवा चौथ पर्व मनाया गया। जिसमें करवा चौथ की कथा का वाचन करने के उपरांत चांद के दीदार कर पति के हाथों जल ग्रहण का व्रत का समापन किया गया। इस दौरान महिलाओं के द्वारा पूरे दिन निर्जला व्रत अपने अखंड सौभाग्यवती होने की कामना से किया गया।
रामदेव बाबा मंदिर में हुआ सामूहिक पूजन
नगर के वार्ड नं.६ लालबर्रा रोड़ स्थित रामदेव बाबा मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस २४ वे वर्ष में भी सामूहिक करवा चौथ कार्यक्रम का आयोजन धार्मिक मान्यता अनुरूप किया गया। जिसमें सुहागिन महिलाओं ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाकर अपने अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुये करवा देवी की पूजा अर्चना की गई। जिसमें सर्वप्रथम पूजा की सामग्री सॅजाकर करवा देवी एवं भगवान गणेश की कथा का पाठ कर करवा चौथ गीत गाकर पूजा की थाली को एक दूसरे के हाथ में देते हुये परिक्रमा करवाई गई। सभी ने अपने अपने पति की उम्र को लेकर दीघार्यु होने की कामना की गई। विदित हो की करवा चौथ के दिन अलसुबह बहुओं को सगरी सॉस के दौरान प्रदान कि गई साथ ही कुछ सुहाग साम्रगी भी दी गई। सभी सुहागिन महिलाऐं ने निर्जला व्रत धारण किया फि र देर शाम पति के हाथ से पानी पीकर व्रत को समाप्त किया। इस दौरान व्रत को लेकर महिलाओं में काफ ी उत्साह देखा गया। जिन्होने सोलह श्रृंगार कर पूरी पूजा विधि विधान से की।
हनुमान मंदिर में महिलाओं की पूजा
नगर के हनुमान लला मनोकामना पूर्ति मंदिर में सुहागिन महिलाओं के द्वारा सामूहिक रूप से करवा माता ,भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई। जहां पर महिलाओं के द्वारा सोलह श्रृंगार कर पूजा सामग्री के साथ पहुंच कर पंडित के द्वारा करवा चौथ की वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करवाई गई। जहां पर विधि विधान से करवा चौथ की पूजा संपन्न होने के बाद महिलायें अपनी पूजा थाली लेकर वापस घर के लिए रवाना हुई। मंदिर में यह पीते करीब ५ वर्षों से आयोजित किया जा रहा है या ६वां वर्ष था। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।
चांद के दीदार के बाद महिलाओं ने तोड़ा व्रत
करवा चौथ के अवसर पर पूजा और चांद के दीदार का अपना पौराणिक है यह करवा चौथ अपने पति की दीघार्यु के लिये रखे जाने वाला कठिन व्रत है। जो कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथी को सुहागिन महिलाऐं करवा चौथ का व्रत करती है। इस दिन निर्जला व्रत धारण कर पति की लंबी उम्र और सदा सौभाग्य की कामना कर आस्था और विश्वास के साथ सुहागिन महिलाओं ने व्रत धारण कर रात्री में छलनी से चांद देखकर पति का दीदार किया। जिसके बाद पति ने अपनी व्रतधारी पत्नी को पानी पिलाकर व मीठा खिलाकर व्रत स्थगित करवाया।