कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा पिछले दिनों आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किए जाने के दौरान कलेक्टर द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्यवाही किए जाने का विषय सामने आया था तथा जिले में यह काफी जनचर्चा का विषय बन गया था। जिस पर कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा का कहना है कि उनके द्वारा कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया, किसी भी शिक्षक का न ही इंक्रीमेंट रोका गया और न ही किसी शिक्षक को प्रधान पाठक के प्रभार से हटाया गया है। खामी पाये जाने पर सभी शिक्षकों नोटिस जारी कर उनसे जवाब लिया जा रहा है।
आपको बताई थी गत दिवस कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा बिरसा क्षेत्र के स्कूलों का निरीक्षण किया गया था, उस दौरान उनके द्वारा कुछ हॉस्टलों एवं स्कूलों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कलेक्टर द्वारा शिक्षकों से गणित के सवाल हल करने भी कहा गया उस दौरान दो महिला शिक्षकों द्वारा गणित का सवाल हल नहीं किया गया जिसके चलते एक शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस दिए जाने तथा एक शिक्षिका की एक वेतन वृद्धि रोकने तथा प्रधान पाठक के प्रभार से हटाने का निर्देश दिए जाने की जानकारी सामने आयी थी। इसको लेकर आदिवासी समाज के लोगों द्वारा नाराजगी जाहिर की जा रही थी।
इस पूरे मामले पर कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने बताया कि निरीक्षण रूटीन प्रक्रिया है, निरीक्षण कलेक्टर करते है जिला अधिकारी करते हैं। शिक्षा विभाग से जुड़ा कोई अधिकारी रहेगा किसी की लापरवाही रहेगी सुधार नहीं आता है तो कार्यवाही होती है। अभी सोशल मीडिया पर जो वायरल हो रहा है उस पर सिर्फ इतना कहना है शिक्षकों को नोटिस दिया गया है किसी शिक्षक का न ही इंक्रीमेंट रोका गया और ना ही किसी शिक्षक को प्रधान पाठक के प्रभार से हटाया गया। उस दिन जितने भी निरीक्षण हुए हैं सभी शिक्षकों को सिर्फ नोटिस दिया गया है चाहे वह हॉस्टल के हो या स्कूल के। नोटिस देकर उनसे जवाब लिया जा रहा है। सभी लोगों से यही अपील है चाहे बालाघाट हो या अन्य कोई जिला हो हमको मिलकर के काम करना है, जहां तक वायरल वीडियो की बात है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा उद्देश्य सिर्फ टीचर को प्वाइंट आउट करना है एक टीचर पूरी टीम होती है टीम मिलकर काम करेगी तो उसका रिजल्ट अच्छा आएगा।
कलेक्टर श्री मिश्र ने यह भी कहा कि इसमें जातिगत विषय जैसा कुछ नहीं है, मेरा शिक्षक सिर्फ शिक्षक है चाहे वह किसी भी जाति धर्म का हो। मेरा उद्देश्य यह है गलती किसी की भी हो हमको उससे सीखना चाहिए, अगर टीचर है तो सीख कर के बच्चों को अध्यापन कार्य कराना चाहिए। हम लोग ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे से अच्छी शिक्षा दिलाने लगातार प्रयास कर रहे हैं प्रारंभिक शिक्षा में बालाघाट जिला पूरे स्टेट में दूसरे रैंक पर आया है। हम प्रयास कर रहे हैं स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ शिक्षकों की नियमित उपस्थिति भी सुनिश्चित हो।