कलेक्टर बोले – 80 प्रतिशत लोगों की मानसिकता सोशल मीडिया से हो रही प्रभावित, कोरोना की तीसरी लहर से बचने दिए 4 मूलमंत्र

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80 प्रतिशत लोगों की मानसिकता वर्तमान समय में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रभावित हो रही है। इसलिए जरूरी है कि हम सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग कर जन जागरण को प्राथमिकता दें। यह बात कलेक्टर मनीष सिंह ने कोविड अनुकूल व्यवहार के प्रति जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से एआईसीटीएसएल के सभाकक्ष में जिले के सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स के साथ हुई बैठक में कही। यह बैठक राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे की पहल पर आयोजित की गई थी।

कलेक्टर ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव का सबसे सक्षम उपाय लोगों के मध्य कोविड अनुकूल व्यवहार को विकसित करना है। व्यवहार परिवर्तन के लिए सिर्फ तीन चीजों का ध्यान रखना अनिवार्य है। वह है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, घर से बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करना और समय-समय पर हाथों काे सैनिटाइजेशन करना। उन्होंने कहा कि केवल इन तीन नियमों का पालन कर हम कोरोना वायरस की तीसरी लहर से ना केवल खुद की बल्कि समाज की भी रक्षा कर पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने चार सुझाव भी दिए।

  • प्रिकॉशन (बचाव) : संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रबल उपाय कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाना है।
  • अर्ली डिटेक्शन (समय रहते कोरोना मरीज की पहचान करना) : यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो जल्द से जल्द जांच कराकर उपचार प्रारंभ करना बहुत जरूरी है।
  • मनोबल बढ़ाना : कोरोना को हराने के लिए मरीजों के साथ साथ हेल्थ एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का मनोबल बढ़ाना भी बेहद जरूरी है।
  • जन जागरूकता : सभी बिंदुओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए। जिससे वे कोरोना महामारी के विरुद्ध इस लड़ाई में शासन प्रशासन का सहयोग करें और खुद में व्यवहार परिवर्तन लाएं।

डॉ. निशांत खरे ने कहा कि आगे आने वाले समय में व्यवहार परिवर्तन कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लोगों में जागरूकता लाना आवश्यक है, जिसके लिए हमें सोशल मीडिया के स्फीयर आॅफ इनफ्लुएंस का उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए लोगों में किस तरह का व्यवहार होना चाहिए और उसे कैसे लाया जा सकता है, इस बीच की दूरी को कम करने के लिए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स एक सेतु के रूप में कार्य कर सकते हैं।

सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक वातावरण का करें निर्माण – सांसद लालवानी
हमें लोगों तक कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाने के लिए जागरूक करना है। सकारात्मक वातावरण से ना केवल कोविड महामारी से लड़ रहे मरीजों का हौसला बढ़ेगा बल्कि अन्य नागरिकों में भी सहयोग की भावना उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में शासन, प्रशासन, सामाजिक संगठनों के साथ साथ आप सभी लोगों का भी सहयोग अनिवार्य है।

मेरा शहर बने स्वस्थ शहर” का लें संकल्प – डीआईजी
डीआईजी मनीष कपूरिया ने कहा कि जिस तरह इंदौर शहर ने स्वच्छता का संकल्प लिया था, उसी तरह अब समय है कि हम सभी “मेरा शहर बने स्वस्थ शहर” इसका संकल्प लें। लोगों तक सही जानकारी पहुंचे और उनकी मानसिकता में परिवर्तन लाया जा सके, इसका हमें विशेष ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना अनुकूल व्यवहार परिवर्तन इंदौर के नागरिकों में विकसित किया जा सकता है।

नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए हम रेडियो एवं सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म के द्वारा विभिन्न तरीकों से कोविड अनुकूल व्यवहार के बारे में प्रचार प्रसार कर सकते हैं।

सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स का सुझाव
एक कॉमन ग्रुप बनाया जाए, जहां अधिकृत जानकारी प्रशासन द्वारा प्रदान की जाए। इस जानकारी को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इनफ्लुएंसर्स द्वारा अपने-अपने तरीकों से पहुंचाया जाएगा। इस तरह लोग न केवल जागरूक होंगे, बल्कि भ्रामक खबरों को भी फैलने से रोका जा सकेगा।

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