नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाने वाले बीजेपी नेताओं पर टिप्पणी की। इस बयान को लेकर बीजेपी ने तो नाराजगी जताई ही, साथ ही इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों ने भी दूरी बना ली है। दरअसल समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। कांग्रेस नेताओं के बयानों से पहले भी गठबंधन में तनाव पैदा हो चुका है।
सपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है खरगे का बयान
समाजवादी पार्टी को लगता है कि वह हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को टक्कर दे सकती है। फैजाबाद लोकसभा सीट पर जीत इसका उदाहरण है। राम मंदिर के बावजूद बीजेपी वहां हार गई थी। अब सपा मिल्कीपुर उपचुनाव में भी यही दोहराना चाहती है। ऐसे में खरगे का बयान सपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अखिलेश यादव की संगम स्नान की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, ऐसे में खरगे का बयान उन्हें नाराज कर सकता है।
कांग्रेस के नेता भी महाकुंभ में हुए शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और यूपी कांग्रेस के नेता भी महाकुंभ में शामिल हुए हैं। एक विपक्षी नेता ने कहा कि हमें हर बात पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। लोग खुद तय कर सकते हैं कि उन्हें कब और कहां डुबकी लगानी है।
पहले भी गठबंधन के दलों ने कांग्रेस के बयानों से बनाई दूरी
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेताओं के बयानों से उनके सहयोगी दलों को परेशानी हुई है। महाराष्ट्र चुनाव से पहले राहुल गांधी के सावरकर पर बयान पर शिवसेना और एनसीपी ने नाराजगी जताई थी। पिछले साल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, जबकि कुछ सहयोगी दलों ने इसमें हिस्सा लिया था। उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म’ वाले बयान पर कांग्रेस की चुप्पी से भी कई दल असहज हुए थे। मध्य प्रदेश चुनाव से पहले भोपाल में हुई संयुक्त विपक्षी रैली में कांग्रेस नेता डीएमके के साथ मंच साझा करने से हिचकिचा रहे थे, जिसके कारण सहयोगी दलों को भी दूर रहना पड़ा।