कागजों में सिमट कर रह गई सिटी बस योजना, अधिक किराया चुकाने को मजबूर लोग

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शहरवासियों को सस्ती और सुलभ यात्रा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने शहर में सिटी बस योजना प्रारंभ करने की तैयारी की थी। इस योजना के तहत शहरवासियों को हर रूट पर सिटी बस उपलब्ध कराने का सपना दिखाया गया था, लेकिन लगभग पांच साल बीत जाने के बाद भी यह योजना अभी तक धरातल पर अमलीजामा नहीं ओढ़ पाई है।

इस योजना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए भी प्रशासन की ओर से इस दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यह कहा जाए कि सिटी बस योजना सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। शासन और प्रशासन की लेटलतीफी का परिणाम है कि शहरवासियों को सालों बाद भी महंगा किराया चुकाकर आटो से यात्रा करनी पड़ रही है।

खास बात यह है कि उक्त योजना के तहत अन्य कई शहरों में सिटी बस सेवाएं शहरवासियों को प्रदान की जा रही हैं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते सिटी बस सेवाओं के लिए नगर पालिका के पास आया पैसा भी शासन को वापस चला गया था।

पांच रूट किए गए थे निर्धारित

शिवपुरी शहर में सिटी बसों की जरूरत महसूस होने लगी। इसके लिए प्रशासन ने योजना तो बनाई, लेकिन वह धरातल पर नहीं आ पाई। कलेक्टर ने पांच रूटों पर सिटी बसों के संचालन की योजना बनाकर प्लान भी दिया था और आनलाइन आवेदन मांगे थे। लेकिन न इस संचालकों ने इसमें रुचि दिखाई और न ही प्रशासन ने। दूसरी ओर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए उपयोग में लाई जा रही हर दूसरी बस अनफिट है। इसके चलते आए दिन हादसे भी सामने आ रहे है, लेकिन परिवहन विभाग ने कभी इनकी जांच के लिए कोई अभियान नही चलाया है।

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