वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कायदी में स्थित धम्म शिखर प्रचार केन्द्र में १५ नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा विश्व शांति बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश से पधारे पूज्य भदन्त वन्नासामी के मुख्य आतिथ्य, पूज्य भन्ते महानंद बोधी के विशेष आतिथ्य ,अध्यक्ष वंदना बरमाटे ,उपाध्यक्ष संजय खोब्रागडे, कोषाध्यक्ष स्वराज बरमाटे ,संयुक्त सचिव अनिल गजभिये ,अखिलेश मेश्राम की उपस्तिथि में प्रारंभ किया गया। जिसमें सर्वप्रथम उपस्थितजनों के द्वारा भगवान गौतम बुध्द व बाबा साहेब आंबेडकर के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। जिसके बाद उपस्थित बौध्द उपासक उपासिकाओं को धम्म देशना की शिक्षा दी गई। इस दौरान पहाड़ी पर भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर त्रिशरण पंचशील का पाठ किया गया। जिसके बाद लगातार बड़ी संख्या में उपासक उपसिकायें आयोजन स्थल पर पहुंचे जहां पहाड़ी पर जाकर प्रतिमा का दर्शन किया वहीं धम्म देशना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूज्य भंते ने कहा कि बाबा साहेब ने बताया कि जन्म से कोई महान नही होता जो भी होता है कर्म के आधार पर होता है। गरीब के घर पैदा हुआ सदैव गरीब नही रहता जो जाति में जन्मे तो मरते तक वही बना रहे एवं काम जरूर करे और मैत्री भावना से रहे। साथ ही यह भी कहा कि जन्म से मृत्यु तक संघर्ष करते रहे लड़ते रहे डॉ.भीमराव आंबेडकर लेकिन हम दुसरों के लिए लड़ते है अब अपने लिए लडऩा है। जहाँ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लोगो के द्वारा अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी करवाया गया। पद्मेश से चर्चा में वंदना बारमाटे ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विश्व शांति महोत्सव शांति पूर्वक मनाया गया और आयोजन के माध्यम से बौध्द धर्म का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने के साथ ही धम्म में बुध्द द्वारा जो मार्ग प्रशस्त किया है। उस मार्ग पर चलकर मानव कल्याण के लिए काम करने उपासक उपासिकाओं को प्रेरित किया गया है। श्रीमती बारमाटे ने बताया कि बाबा साहेब के अथक प्रयासों के द्वारा धम्म को पुन: भारत में स्थापित किया गया है। उसका प्रचार प्रसार करने के साथ ही मानव कल्याण के लिए अधिकाधिक मानव हित में काम हो एवं हर समुदाय में भाई चारा बना रहे । ऐसे काम करने का संदेश देने के साथ ही बुध्द एवं आंबेडकर की विचार धारा को जन जन तक पहुंचाना है। बौद्ध उपासक उपासिका पहाड़ी पर बौद्ध प्रतिमा का दर्शन कर रहे है धम्म देशना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।