वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी बालाघाट मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत वारा अंतर्गत मां काली माता मंदिर में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी हर्षोल्लास एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप चैत्र नवरात्र पर्व मनाया जा रहा हंै। जिसमें ३० मार्च को चैत्र नवरात्र पर्व की प्रथम तिथि पर विधि विधान से वेद मंत्र के उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करने के पश्चात २६९ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित कर आरती की गई। जिसके बाद से प्रतिदिन सुबह शाम ८.३० बजे दुर्गा पाठ एवं आरती कर मां भगवती के नौ रूपों की आराधना की जा रही है। जहां पर ५ अप्रैल को हवन पूजन का आयोजन महाष्टमी के अवसर पर किया गया साथ ही मां भगवती की विशेष पूजा आराधना की गई। इसका समापन ६ अप्रैल को विधि विधान से मां भगवती की पूजा अर्चना एवं जवारे विसर्जन कर किया जाएगा।
दूर दूर से भक्तगण पहुंच रहे मंदिर
वारासिवनी नगर व आसपास में मां काली माता मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है जहां बालाघाट जिला सहित अन्य जिलों के भी लोग मां भगवती के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं सुबह शाम मंदिर में माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लग रही है जो मां भगवती की पूजा अर्चना कर मनोकामना मांग रहे हैं। ऐसे कई लोग हैं जिनकी मांगी गई मनोकामना पूर्ण भी हुई है जो हर वर्ष आते है।
जिले के बाहर के लोग भी रखते हैं ज्योति कलश
मां काली माता मंदिर में वारासिवनी नगर सहित बालाघाट जिला व अन्य जिले जैसे छिंदवाड़ा, गोंदिया, बिलासपुर , रायपुर , भंडारा व अन्य जिलों के भी लोगों की काली माता मंदिर में खासी आस्था है। जो शारदेय एवं चैत्र नवरात्र पर्व पर मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना करते हैं माता के दर्शन के लिए आते हैं। यह वही लोग हैं जिन्हें मंदिर से लाभ हुआ है या वारासिवनी के निवासी है जो अब बाहर रहने लगे हैं। इनके द्वारा प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी ज्योति कलश की स्थापना की गई है । जिसमें कुल २६९ ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं जिसमें ३० घी एवं २३९ तेल के है।