किसानों के लिये वारासिवनी पूर्णता रहा बंद

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में किसान हित में किए गए वादों को लेकर इन दिनों पूरे प्रदेश भर में घमासान मचा हुआ है। विपक्षीय राजनीतिक संगठनों का किसानों के द्वारा लगातार सरकार से गुजारिश की जा रही है कि किसानों को समर्थन मूल्य ३१०० रूपये दिया जायें। लेकिन सरकार ने अभी तक अपने वादे को पूरा नहीं किया । लिहाजा किसानों ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ एक दिन वारासिवनी नगर बंद करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। क्षेत्र के सभी किसान सुबह से ही नगर के अनाज मंडी पर एकत्रित हूए और रैली के माध्यम से नगर में खुली दुकानों को बंद करवाकर प्रदेश के  मुख्यमंत्री मोहन यादव के खिलाप नारे बाजी करते हूए नजर आये और सरकार से ३१०० रूपये प्रति क्विंटल  धान खरीदी की मांग को लेकर सरकार से आग्रह किया।

चारो खुट बंद रहा वारासिवनी

किसानों के द्वारा सरकार से वाजिब समर्थन मूल्य घोषणा अनुरूप दिए जाने के लिए १ दिसंबर से क्षेत्र में आंदोलन किया जा रहा है। जिसके तहत वारासिवनी बंद का आह्वान उनके द्वारा किया गया था। इसी कड़ी में ९ दिसंबर को किसानों के लिए वारासिवनी चारों खुट बंद रहा जहां पर व्यापक रूप से इस बंद का असर देखने को मिला। जिसमें व्यापारियों के द्वारा स्वयं से अपने प्रतिष्ठान सुबह से बंद रखे गयें। जिसमें किसान संगठन के द्वारा प्रात: बाइक रैली निकालकर सुबह नगर का भ्रमण भी किया गया। हालांकि उन्हें इस दौरान कोई प्रतिष्ठान खुला नहीं मिला। जहां चारों तरफ सन्नाटा पसरा रहा और वाहनों के आने जाने का शोर सुनाई देता रहा।

अति आवश्यक सेवा की प्रारंभ रही दुकाने

इस बंद के दौरान देखने में आया कि  केवल नगर में अति आवश्यक सेवाओं की वह भी चुनिंदा स्थानों पर लोगों के द्वारा दुकाने प्रारंभ रखी गई। जिसमें डेरी दूध दही वह अन्य सामग्री की दुकान सुबह १० बजे तक प्रारंभ रही जिसके बाद वह भी बंद हो गई। तो वहीं नगर के कुछ स्थानों पर मेडिकल दुकान खोली गई पेट्रोल पंप और ट्रांसपोर्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा जारी रहे इसके अलावा पूरा नगर बंद नजर आया।

किसान आक्रोश रैली का हुआ आयोजन

बंद को लेकर किसानों के द्वारा विशाल आक्रोश रैली का आयोजन नगर में किया गया। इस दौरान क्षेत्र से पहुंचे किसान कृषि उपज मंडी वारासिवनी में एकत्रित हुए जहां से दोपहर में विभिन्न प्रकार के नारे लगाते हुए आक्रोश रैली निकाली गई। जो नगर के नेहरू चौक, जय स्तंभ चौक ,बस स्टैंड होते हुए वीरांगना रानी अवंती बाई स्टेडियम सभा स्थल पर पहुंची। जहां रैली का समापन किया गया इस दौरान किसानों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिला। जहां प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ  नारेबाजी की जाती रही। इस रैली में विधायक विवेक पटेल,सुभाष पारधी,किशोर बिसेन, नुपचंद टेभंरे, चंद्रविजय ठाकुर,पप्पु पटेल,बुध्देश बिसेन, यूगलकिशोर सुलकिया,हर्षित राणा, सचिन बिसेन,भानू राहंगडाले,सुरेश बिसेन,रूपेन्द्र सोनवाने, योगेन्द्र बिसेन,चंद्रकुमार हरिनखेडे,प्रशांत बिसेन,वैंटकर सहारे, लक्ष्मण पारधी, हेमंत राहगंडाले,डालसिंह शरणागत सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

आमसभा का हुआ आयोजन

वीरांगना रानी अवंती बाई स्टेडियम में भारतीय किसान मजदूर महासंघ के तत्वाधान में किसानों की आम सभा का आयोजन किया गया। यह आमसभा किसान संगठन के पदाधिकारी एवं क्षेत्र के किसानों की उपस्थिति में प्रारंभ की गई। जहां पर किसानों के द्वारा सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार के द्वारा विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में किसानो को ३१०० रुपये धान ,२७०० रुपये गेहूं का समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई थी। परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद जो दूसरा खरीदी सीजन पर भी मात्र २३०० रुपए धान का समर्थन मूल्य देने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया। सरकार से घोषणा को पूरा करने की मांग करते हुए जल्द मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की बातें भी कही गई।

किसानों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

आमसभा स्थल पर ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजीव रंजन पांडे किसानों का ज्ञापन लेने पहुंचे। जहां किसानों ने उन्हें मुख्यमंत्री का नाम ज्ञापन देकर सरकार को उनकी घोषणा पर ध्यान आकर्षण कराया गया। जिसमें कहा कि किसानो के लिए आपके द्वारा जो चुनाव के घोषणा पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के रूप में दर्शाया गया था। विभिन्न मंचों से पूर्व मुख्यमंत्री ,मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं के द्वारा ३१०० धान, २७०० रुपये गेहूं का समर्थन मूल्य देने की जो बात कही गई थी उसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की गई।

किसानों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं हम अपनी की लड़ाई लड़ रहे है-मूरत सिंह पारधी

किसान मूरतसिंह पारधी ने कहा की हमारे किसान भाईयों के साथ सरकार ने छलावा किया गया है। ३१०० धान ,२७०० गेहूं देश के प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेताओं ने घोषणा किया था आज १ साल पूरा हो गया किसानों के साथ छलावा है। हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि किसानों के हित की बात कहते हुए वोट मांगा था। यह छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश और राजस्थान में घोषणा पत्र में कहा गया था जिसके लिए संसद के अंदर राहुल गांधी को भी प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि वह घोषणाओं का क्या हुआ। अभी विधानसभा का शीतकालीन सत्र चालू होगा तो उसमें बता रहे हैं कि विपक्ष घेराव करेगा अच्छी बात है आवाज उठाओं। हमारा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है हम पेट की लड़ाई लडऩा चाहते हैं इन्होंने झूठ बोलकर सत्ता प्राप्त की है।

हम किसानों की मांगे पुरी नही हुई तो पुन: उग्र आंदोलन करेंगे- उपेन्द्र बिसेन

किसान उपेंद्र बिसेन ने कहा कि हम अपनी मांग को पूरी करने अपने क्षेत्र का उपयोग करें जो हमारे पास है हमारी ताकत गांव में है विधानसभा में है तहसील में है। वह ताकत दिखाएं जितने नेता है वह आरोप प्रत्यारोप कर किसानों को बाटते हैं । हम सभी किसानों को संगठन के माध्यम से एकत्रित होकर अपनी आवाज को उठाना है। यदि सरकार हमारी मांग को नहीं मान रही है तो पुन: हमारे द्वारा आंदोलन किया जाएगा और सरकार को मनाने का प्रयास किया जाएगा ताकि हमें हमारा हक मिले। हमारे द्वारा सरकार से मांगा नहीं गया था उनके द्वारा कहा गया था जब कहा तो देना चाहिए जो कहा गया था वह नहीं देने के कारण हम आज सडक़ पर उतरे हैं।

२५ दिसम्बर को आर पार की लड़ाई होगी- पप्पु पटेल

पप्पू पटेल ने कहा कि किसानों का नगर बंद का कार्यक्रम था सिर्फ  किसानों का था यदि कोई नेता किसान बनकर आया तो उसे उसकी भूमिका में बराबर नीचे बैठने कहा गया है। कार्यक्रम चालू हुआ भोलाराम पटले पिपरिया ने किसानों की बात ना कहते हुए नेताओं को उल्टा बोला किसानों की छवि खराब हुई है। जिस भाषा का उसने उपयोग किया है वह अशोभनीय भाषा है उन्हें स्टेज ना दे जिन्हें बोलने को आता नहीं है। यह दुखदाई बात है उसे बुलाया किसी ने तो किसानों की बात रखना था नेताओं पर आरोप नहीं लगाना था। उसने कांग्रेस का एजेंट बनकर अपनी बात रखा और किसानों को गुमराह किया भाजपा के बड़े नेताओं को बोलो स्थानीय नेता सभी साथ में है। चाहे कांग्रेस हो बीजेपी हो या बीएसपी यह किसानों के कार्यक्रम को गलत दिशा देने का काम किया गया है। हमारी आवाज भोपाल पहुंच गई है और नहीं पहुंची है तो २५ दिसंबर को आत्मदाह है बड़ा आंदोलन होगा। अभी हमने एसडीएम को ज्ञापन दिया है और आने वाले सभी किसानों का धन्यवाद दुगनी ऊर्जा के साथ वह २५ दिसंबर को भी आये आर पार की लड़ाई होगी।

यह आंदोलन कोई राजनीतिक नहीं था किसानों का कार्यक्रम था-सुभाष पारधी

भारतीय किसान मजदूर महासंघ अध्यक्ष सुभाष पारधी ने कहा कि यह आयोजन सफ ल रहा इसमें किसान ,व्यापारी ,प्रशासन का अच्छा योगदान रहा। हमारे द्वारा सुबह बाइक रैली से नगर भ्रमण किया गया पूरा नगर बंद था। इसके बाद अनाज मंडी से आक्रोश रैली निकाली गई जो सिविल क्लब ग्राउंड सभा स्थल पर पहुंची। यह कार्यक्रम कोई राजनीतिक नहीं था किसानों का कार्यक्रम था इस दौरान एक विक्षिप्त व्यक्ति ने आकर कार्यक्रम को खराब करने का काम किया। उसे कुछ कांग्रेसी नेताओं का सहयोग था वह मंच को कैसे खराब करें यह चाहते थे नेताओं को आपशब्द कहा। कुल मिलाकर किसानों का संगठन यह लोग बनने नहीं देना चाहते हैं अपना नाम बड़ा करना चाहते हैं इस दौरान कार्यक्रम में सभी किसान थे।

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