Kisan Mahapanchayat: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर हंसी का पात्र बने हैं। दरअसल, राहुल ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत का समर्थन करते हुए ट्वीट किया। साथ ही भीड़ की एक फोटो भी शेयर की। राहुल ने जो फोटो शेयर की, वो इस महापंचायत की नहीं है। इसी मुद्दे पर भाजपा ने एक बार फिर राहुल गांधी को निशाने पर लिया। भाजपा प्रवक्ता संवित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘देश में जब भी भ्रम की, झूठ की राजनीति होती है, तो राहुल गांधी जी का हाथ होता ही है। आज राहुल गांधी जी ने किसान आंदोलन की पुरानी तस्वीर को ट्वीट कर उसे वर्तमान का फोटो बताया है। राहुल गांधी भली-भांती जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्षविहीन है, इसलिए कांग्रेस जमीन पर किसी भी विषय को उठाने के लिए असमर्थ है। इसलिए ये झूठे फोटो के माध्यम से राजनीति करने की कोशिश करते हैं। अपने संगठन को आगे नहीं बढ़ाना, अपने संगठन को अध्यक्ष विहीन रखना, परिश्रम नहीं करना और दूसरे के कंधों पर बंदूक रखकर चलाने का प्रयास करना राहुल गांधी जी की आदत बन चुका है।’
Kisan Mahapanchayat: क्या है राहुल गांधी के शेयर किए फोटो की सच्चाई

राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में पोस्ट किया, लेकिन इस्तेमाल की गई किसानों की तस्वीर काफी पुरानी है। तस्वीर फरवरी की है जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की किसान पंचायत में हजारों किसान शामिल हुए थे। मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत के बाद पश्चिमी यूपी में किसानों की यह चौथी बड़ी पंचायत थी।
मायावती ने किसानों के समर्थन में किए ट्वीट
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने किसान पंचायत के बाद किसानों के समर्थन में ट्वीट किए। मायावती ने लिखा, ‘यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय। इससे निश्चय ही सन् 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगी। किसान देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।’
यूपी विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं। 2017 में भाजपा ने 312 विधानसभा सीटों पर शानदार जीत हासिल की थी।