किसानों ने नहर सीमेन्टीकरण कार्य में घटिया मटेरियल का उपयोग करने का लगाया आरोप

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नगर मुख्यालय से लगभग ८ किमी दूर ग्राम पंचायत टेकाड़ी ला. सर्राटी जलाशय से लेकर रामजीटोला माइनर नहर का करोड़ों रूपयों की लागत से जल संसाधन विभाग के द्वारा सीमेंटीकरण कार्य करवाया जा रहा है। इस नहर के माध्यम से आधा दर्जन से अधिक ग्रामों के किसानों को फसल में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा परन्तु निर्माण कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरतते हुए घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि निर्माण के कुछ सालों बाद ही नहर जीर्णशीर्ण एवं क्षतिग्रस्त हो जायेगी और वर्तमान में निर्माण कंपनी के द्वारा ग्राम आमाटोला-पांढरवानी के बीच में निर्माण कार्य किया जा रहा है। २५ फरवरी को आमाटोला एवं पांढरवानी के किसानों के द्वारा नहर के सीमेन्टीकरण कार्य में घटिया मटेरियल का उपयोग कर अनियमितता बरतते हुए गुणवत्ताहीन कार्य होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने की मांग के लेकर निर्माण कार्य बंद करवा दिया और निर्माण कंपनी एवं प्रशासन पर निर्माण कार्य में अनियमितता बरतते हुए शासन की राशि का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। साथ ही निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नही होने पर निर्माण कार्य आगे नही बढऩे और आंदोलन करने की चेतवानी भी दी है। किसानों के द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाने एवं काम बंद करवा देने की जानकारी लगने के बाद निर्माण कंपनी के ठेकेदार व प्रशासनिक अधिकारी ने किसानों से कहा कि निर्माण कार्य में अनियमितता है तो उसमें सुधार किया जायेगा जिसके बाद कार्य शुरू किया गया। किसानों के विरोध के चलते कुछ देर तक निर्माण कार्य बंद रहा और किसानों ने कहा कि गुणवत्ता में सुधार नही होने पर काम पूर्णत: बंद कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। वहीं किसानों का कहना है कि निर्माण कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरतती जा रही है। साथ ही तराई भी नही की जा रही है जिसके चलते कुछ ही दिनों में सीमेन्टीकरण नहर में दरारे आ जायेगी और किसानों को पानी भी नही मिलेगा जिससे किसानों के हित में बनाई जा रही करोंड़ों रूपये की सीमेन्टीकरण नहर एक औचित्यहीन साबित होगी।

आपकों बता दे कि किसानों के खेतों में लगने वाली फसल की सिंचाई के लिए सर्राटी जलाशय से छोटी माइनर नहर निकली है जिसका निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में १०० वर्ष पूर्व कच्चा निर्माण किया गया था और यह नहर ग्राम टेकाड़ी ला., बघोली, औल्याकन्हार, पांढरवानी व रामजीटोला की ओर बहती है। जिसकी मदद से किसान अपनी फसल में सिंचाई करते थे परन्तु नहर जीर्णर्शीर्ण होने के कारण किसानों के खेतों तक पानी नही पहुंच पाता है जिससे फसल पानी के अभाव में खराब हो जाती थी। जल संसाधन विभाग के द्वारा करोड़ों रूपयों की लागत से टेकाड़ी ला. से रामजीटोला माइनर नहर का सीमेंटीकरण किया जा रहा है और वर्तमान में आमाटोला-पांढरवानी के बीच में निर्माण कार्य जारी है परन्तु उक्त कार्य गुणवत्ताहीन नही किया जा रहा है और नहर की गहराई अधिक होने से किसानों के खेतों तक पानी भी नही पहुंच पाया। जबकि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं किसानों के खेत तक सरलता से पानी पहुंच सके ऐसा बनाया जाना चाहिए परन्तु ऐसा नही बनाया जा रहा है जिससे क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही निर्माण कार्य में सीमेेंट कम रेत अधिक उपयोग किया जा रहा है एवं तराई भी नही की जा रही है जिसके चलते जल्द ही नहर खराब हो जायेगी क्योंकि सीमेेंट की परत भी बहुत पतली डाली जा रही है। अगर नहर में तेज बहाव के साथ पानी आता है तो सीमेन्ट उखडऩे लगेगेें इसलिए किसानों ने गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

दूरभाष पर चर्चा में निर्माण कंपनी के ठेकेदार राहुल पटेल ने बताया कि स्टीमेट एवं शासन के मापदण्ड के अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है, अगर किसानों को लग रहा है कि आमाटोला-पांढरवानी के बीच में सीमेेंट कम मात्रा में डाल रहे है तो उसकी मात्रा बढ़ा दी जायेगी और इस नहर का तीन वर्ष तक मैंटेनेस भी किया जायेगा क्योंकि हमारा पूरा प्रयास है कि किसानों के खेतों का सरलता से पानी पहुंचना चाहिए।

दूरभाष पर चर्चा में जल संसाधन विभाग के एसडीओं सुश्री स्लेशा डोंगरे ने बताया कि टेकाड़ी ला. सर्राटी जलाशय से रामजीटोला माइनर नहर का सीमेन्टीकरण का कार्य किया जा रहा है, आपके के माध्यम से संज्ञान में आया है कि आमाटोला-पांढरवानी के बीच में निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही है, जिसका किसान विरोध कर रहे है, निर्माण स्थल का निरीक्षण कर गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने ठेकेदार को निर्देशित किया जायेगा।

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