किसी राष्ट्रीय टीम का कोच क्यों नहीं बनना चाहते हैं जयवर्धने? जानिए क्या है वजह

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नई दिल्ली: श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने टी20 क्रिकेट या कहें फटाफट क्रिकेट में कोच के रूप में सफलता का पर्याय बन चुके हैं। हाल ही में उनकी देखरेख में साउदर्न ब्रेव टीम ने पहले द हंड्रेड टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। खिताबी मुकाबले में जयवर्धने की टीम ने बर्मिंघम फॉनिक्स को मात दी। 

जयवर्धने ने बेहद कम वक्त में खुद को टी20 सर्किट में एक उम्दा कोच साबित किया है। उनके कोच रहते मुंबई इंडियन्स की टीम ने चार साल के अंतराल में तीन खिताब(2017,2019, 2020) अपने नाम किए। ऐसे में उन्होंने द हंड्रेड की खिताब साउदर्न ब्रेव को दिलाकर एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। 

श्रीलंकाई टीम के साथ जुड़ सकते हैं बतौर सलाहकार
ऐसे में दुनियाभर की कई बड़ी टीमों की नजरें जयवर्धने को कोच बनाने की ओर मुड़ गई हैं। जिसमें कई राष्ट्रीय टीमें भी शामिल हैं। अगर जल्दी ही किसी राष्ट्रीय टीम का कोच बनने का ऑफर जयवर्धने को मिलता है तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। माना जा रहा है कि जल्दी ही उन्हें श्रीलंका की राष्ट्रीय टीम का हेड कोच बनाए जाने का प्रस्ताव मिल सकता है। श्रीलंका क्रिकेट की हालत पिछले कुछ सालों में बेहद लचर हो गई है। ऐसा जयवर्धने और संगकारा जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा करने के बाद हुआ। 

फिलहाल देना चाहते हैं परिवार को वक्त
ऐसे में जयवर्धने ने स्पष्ट किया है कि उनकी फिलहाल किसी भी राष्ट्रीय टीम का हेड कोच बनने में रुचि नहीं है। 44 वर्षीय जयवर्धने फिलहाल अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताना चाहते हैं। यही उनके जीवन की प्राथमिकता है। उनका मानना है कि फुल टाइम रोल का मतलब पूरे साल की व्यस्तता होता है और वो फिलहाल ऐसा नहीं करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वो श्रीलंका क्रिकेट के साथ बतौर सलाहकार जुड़ने के लिए तैयार हैं। फिलहाल वो लीग क्रिकेट में कोच की भूमिका निभाकर खुश हैं और कुछ साल ऐसा ही करना चाहते हैं। 

18 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद चाहिए परिवार 
जयवर्धने ने कहा, 18 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद आप फिर से 12 महीने सूटकेस लेकर नहीं चल सकते। ये शुरुआती दौर है और मेरे लिए चुनौतीपूर्ण है। मैं बहुत सारे टूर्नामेंट में शिरकत नहीं करता हूं इसलिए मेरे पास परिवार के साथ गुजारने के लिए वक्त होता है। मैं श्रीलंका क्रिकेट के साथ बतौर सलाहकार जुड़ने को तैयार हूं लेकिन पूर्णकालिक जुड़कर मैं उस काम का पूरी तरह लुत्फ नहीं उठा पाउंगा।  

जयवर्धने ने आगे कहा, उन्हें द हंड्रेड टूर्नामेंट में साउदर्न ब्रेव को कोचिंग देने में बहुत मजा आया। कुछ नियम बदले गए थे जो मजेदार थे। उनके मुताबिक उनमें से कुछ नियमों को आगे चलकर टी20 क्रिकेट में लागू करना चाहिए। 

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