कुशल हाथों को मिला तकनीक का साथ,लोकल उत्पाद हुए ग्लोबल, ये है MP के स्व-सहायता समूहों की कहानी

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कुशल हाथों को तकनीक का साथ क्या मिला, लोकल उत्पाद ग्लोबल हो गए हैं। आजीविका मार्ट पोर्टल के माध्यम से तीन लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों ने पिछले साढ़े तीन महीने (जुलाई से 15 अक्टूबर) तक 21 करोड़ के उत्पाद बेचे हैं। ये उत्पाद देश के हर कोने में पहुंचाए गए हैं। यह पोर्टल समूहों के उत्पादों को सोशल प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने शुरू किया है। जिसने प्रदेश के टेराकोटा, बांस शिल्प, मार्बल आर्ट, आदिवासी कला, चित्रकारी को विदेशों तक पहुंचा दिया है। हालांकि किसी भी समूह को पोर्टल के माध्यम से अब तक विदेश से आर्डर नहीं मिला है।

आपको असली चंदेरी या महेश्वरी साड़ी चाहिए, तो बाजारों में भटकने और असली-नकली की पहचान करने की जरूरत नहीं है। घर बैठे-बैठे ही आजीविका मार्ट पोर्टल पर आर्डर कीजिए और असली साड़ी कुरियर से घर पहुंच जाएगी। मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन ने अन्य शापिंग साइट की तरह पोर्टल को डिजाइन किया है। जिसमें उत्पाद देखकर आप पसंद कर सकते हैं और फिर सीधे फोन से निर्माता को आर्डर दे सकते हैं।

वह आनलाइन भुगतान लेगा और आपके पसंद का उत्पाद भेज देगा। पोर्टल पर अभी पांच हजार 437 उत्पाद अपलोड किए गए हैं और 3771 क्रेता पोर्टल पर पंजीकृत हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर व्यापारी हैं, जो समूहों से थोक में उत्पाद खरीदकर विभिन्न् बाजारों में फुटकर में बेचते हैं। बैतूल के एक कपड़ा व्यापारी इसका बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने एक समूह से 18 लाख के पेटीकोट खरीदे हैं, जो नागपुर सहित महाराष्ट्र के अन्य शहरों में बेच रहे हैं

व्यापारियों पर फोकस

समूहों का भी व्यापारियों पर ज्यादा फोकस है। क्योंकि वे एक मुश्त माल उठा लेते हैं और एक मुश्त बड़ी राशि आ जाती है। समूह दूसरे चरण में एक-एक उत्पाद की बिक्री शुरू करेंगे। वैसे अभी भी एक उत्पाद का आर्डर आता है, तो समूह माल भेजते हैं।

10 हजार आर्डर मिले

पोर्टल के माध्यम से श्योपुर, आलीराजपुर, अनूपपुर, शिवपुरी सहित अन्य आदिवासी बहुल जिलों के समूहों को 10 हजार 122 आर्डर मिले हैं। इनमें से नौ हजार 181 आर्डर की सप्लाई कर दी गई है। सभी आर्डर में क्रेताओं से ऑनलाइन भुगतान लिया गया है।

इन उत्पादों की ज्यादा मांग

समूहों की खाद्य सामग्री (आटा, मल्टीग्रेन आटा, बेसन, मूंगफली-सरसों तेल, बिस्किट, नमकीन, फल और मसाले), हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, रेडिमेड गारमेंट सहित अन्य उत्पादों की ज्यादा मांग है।

इनका कहना है

समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए पोर्टल शुरू किया गया है । उत्पाद ज्यादा लोग देखेंगे, तो खरीदेंगे भी। इसका फायदा भी मिला है। समूहों ने साढ़े तीन माह में 21 करोड़ का कारोबार किया है। अभी इससे व्यापारी ज्यादा जुड़ रहे हैं, पर जल्द ही दूसरी ऑनलाइन शापिंग साइट की तरह पोर्टल पर भी व्यक्तिगत आर्डर आने लगेंगे।

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