केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को झटका दिया है। दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों को कोरोनाकाल के 18 महीने के बकाया डीए और डीआर नहीं मिलेगा। सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते (DA) के एरियर को जारी करना व्यावहारिक नहीं है। कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों के महंगाई राहत (DR) पर रोक लगा दी गई थी। मौजूदा समय में केंद्र सरकार के अधीन करीब 52 लाख कर्मचारी और 60 लाख पेंशनर शामिल हैं।
यहां समझें क्या है मामला?
केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण 1 जनवरी 2020 से DA की तीन किस्त (1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020, 1 जनवरी 2021) पर रोक लगी थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में DA को बहाल कर दिया था। लेकिन तीन किस्तों का DA बकाया ही रहा। सरकार ने 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते में 11% का इजाफा किया था। इसके बाद जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता 17% से बढ़कर 28% पहुंच गया।
ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक 18 महीने के DA के भुगतान की उम्मीद थी। चूंकि ये बढ़ोतरी बाद में की गई ऐसे में कर्मचारियों को इसके एरियर मिलना था। लेकिन अब सरकार ने इसके लिए मना कर दिया है।
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाये रखने के लिये दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।
महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत – 115.76)/115.76]×100 । अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))x100
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं।
DA के बाद कैसे बदलती है सैलरी?
इसके लिए नीचे लिखे फॉर्मूला में अपनी सैलरी भरें..(बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट
आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डेअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है। अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है।
दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। अब बढ़े हुए 38% महंगाई भत्ते के लिहाज से देखें, तो यह 4,180 रुपए हुआ। सबको जोड़कर आपकी टोटल सैलरी 15,180 रुपए हुई। पहले 34% DA के लिहाज से आपको 14,740 रुपए सैलरी मिल रही थी। अब हर महीने 440 रुपए का फायदा होगा।
अगर मिलता तो कितना मिलता एरियर?
आपकी सैलरी जितनी बढ़ेगी उसी आधार पर आपका एरियर भी तय होगा। सैलरी कितनी बढ़ेगी यह जानने के लिए आपको अपनी बेसिक सैलरी चेक करनी चाहिए। साथ ही इसके बाद अपने मौजूदा DA की जांच करें। जैसे आपको 18 महीने 17% की दर से DA मिला है जो बहाली के बाद 28% हो गया। मतलब DA में 11% का इजाफा होगा। केंद्रीय कर्मचारी का DA 1 जुलाई 2021 से उनके मूल वेतन के 11% तक बढ़ गया।