केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिया इस्तीफा, हो सकते हैं उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

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राष्ट्रपति चुनाव के बीच ही उप राष्ट्रपति पद के लिए भी सरगर्मी तेज हो गई। केंद्र में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की राज्यसभा की सदस्यता गुरुवार आज समाप्त हो रही थी, लेकिन एक दिन पहले ही उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया। बुधवार की सुबह कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लिए योगदान में दोनों की सराहना की थी। उत्तरप्रदेश से भाजपा के कद्दावर नेता रहे मुख्तार अब्बास नकवी को इस बार राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद से तरह-तरह से कयास लगाए जा रहे थे। उन्हें उपराष्ट्रपति और राज्यपाल बनाए जाने तक की अटकलों का बाजार अभी तक गर्म है।
भाजपा में वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री थे और मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई थी। संगठन में नकवी राष्ट्रीय सोच वाले मुखर नेता के रूप में जाने जाते हैं। संगठन में उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया है। बता दें कि पिछले काफी समय से सत्तारूढ़ दल उपराष्ट्रपति पद के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रतिनिधि पर चर्चा कर रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भाजपा को नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद की टिप्पणियों पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है। उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं। वहीं, मुख्तार अब्बास नकवी के इस्तीफे के बाद इस बात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि पार्टी उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त ‘मुस्लिम चेहरे’ के तौर पर देख रही है। मुख्तार अब्बास नकवी पहली बार 1998 में लोकसभा का चुनाव जीते और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए थे। इसके बाद 26 मई 2014 में वह मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के इस्तीफे के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। वह 30 मई 2019 को मोदी कैबिनेट में शामिल हुए और अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय बना रहा। वे 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य रहे। 2016 में वह झारखंड से राज्यसभा भेजे गए।

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