भारत सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों को दोहरा फायदा देने वाली है। सरकार ने पहले इन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया है। इससे केन्द्र के 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। इसके साथ ही सरकार ने बाल शिक्षा भत्ता के लिए आवेदन की प्रक्रिया आसान कर दी है। अब कर्मचारी खुद ही अपने दस्तावेजों का सत्यापन कर सकेंगे और आसानी से सरकार की इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। बाल शिक्षा भत्ता केन्द्रीय कर्मचारियों को इसलिए दिया जाता है, ताकी वो आसानी से अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकें।
शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान कोविड लॉकडाउन के कारण हो रही कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सीईए के तहत हर महीने 2250 रुपए मिलते हैं। कोविड -19 महामारी के चलते कर्मचारियों को सीईए के लिए आवेदन करने में परेशानी आ रही थी। इस वजह से कई कर्मचारियों से सरकार से कहा था कि इसकी प्रक्रिया आसान की जाए। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
सातवें वेतन आयोग ने क्या की थी सिफारिश
सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश के अनुसार छात्रावास सब्सिडी के लिए अनुशंसित दर 6750 रुपये थी। इसके साथ ही यह सिफारिश की गई थी कि जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ता है तो सीईए और छात्रावास सब्सिडी में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए। ऐसे में सरकार ने डीए में 11 फीसदी की वृद्धि की है। आने वाले समय में इसमें और इजाफा किया जा सकता है। ऐसा होने पर सरकार शिक्षा भत्ता की दर भी बढ़ाएगी। इससे केन्द्रीय कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।
जुलाई से मिलेगा महंगाई भत्ता
26 जून को हुई बैठक में यह तय किया गया है कि सरकार जुलाई से केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बहाल कर देगी। अंग्रेजी वेबसाइट एमएसएन की खबर के अनुसार सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की तीन किस्तें देगी। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों को 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। सरकार जनवरी 2020 के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी, जुलाई 2020 के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी और जनवरी 2021 के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर रही है। इस वजह से कर्मचारियों को अब 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। हालांकि यह पैसा जुलाई में नहीं आएगा। केन्द्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की तीनों किस्त सितंबर में मिलने की उम्मीद है।