कैंसर के मरीजों को जल्द मिलेगा म्हाडा का घर, टाटा अस्पताल ने दी सफाई

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मुंबई के टाटा अस्पताल में कैंसर रोगियों को जल्द ही उनके रिश्तेदारों के इलाज के दौरान रहने के लिए म्हाडा घर मिलेगा। दरअसल मीडिया द्वारा हाल ही में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था कि टाटा अस्पताल में कैंसर के मरीज फुटपाथ पर रह रहे हैं। इस खबर पर पहले म्हाडा और अब टाटा अस्पताल की ओर से सफाई दी गई है। टाटा अस्पताल ने स्पष्ट किया है कि म्हाडा से प्राप्त 100 फ्लैट अगले तीन महीनों में मरीजों के लिए सभी सुविधाओं से लैस होंगे। म्हाडा और हाफकिंस धर्मशाला में 100 कमरे मिलने के बाद फुटपाथ पर मरीजों को रहने की नौबत नहीं आएगी। टाटा द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार तथा गैर सरकारी संगठनों और सीएसआर के माध्यम से मदद मिलने का स्वागत है। दरअसल म्हाडा ने टाटा अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के परिवारों और उनकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए 100 फ्लैट देने का अच्छा फैसला लिया है। डॉ. शैलेश श्रीखंडे ने कहा कि इन सौ फ्लैटों को टाटा अस्पताल के पास दिसंबर में देने का निर्णय लिया गया ताकि मरीजों की परेशानी कम हो और आवास की व्यवस्था की जा सके. ये प्रयास उन कैंसर रोगियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे हैं, जिन्हें कीमोथेरेपी के लिए तीन से चार महीने तक रहना पड़ता है। हम उस जगह पर रहने वाले कुछ निवासियों को भी समझा रहे हैं। यह भी कहा गया कि इन कार्यों को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा, आमतौर पर काम पूरा होने के बाद 3 महीने में मरीजों और उनके रिश्तेदारों को वहां पूरी तरह से समायोजित कर दिया जाएगा। टाटा अस्पताल ने कहा है कि इन रोगियों के लिए बड़े पैमाने पर काम करने के लिए सभी राज्य सरकार, केंद्र सरकार के गैर सरकारी संगठनों सीएसआर की मदद की आवश्यकता होगी। हम आपकी मदद की बहुत सराहना करेंगे क्योंकि यह एक बड़ा उपक्रम है और जितना अधिक आप मदद करते हैं, उतना ही कम आप कर सकते हैं। टाटा अस्पताल ने यह भी कहा कि हम फुटपाथ पर रहने वाले मरीजों की संख्या को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।

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