कैंसर को हराया, टीम को विश्व विजेता बनाया, युवराज जैसा बेटा कोई पैदा करके दिखाए: योगराज सिंह

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भारत को दो बार विश्व विजेता बनाने वाले युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह जब भी मीडिया के सामने आते हैं तो पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर खुलकर बोलने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने एक बार फिर धोनी को बड़ा क्रिकेटर बताते हुए कहा कि वह बड़ा क्रिकेटर हैं। इसका सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्ति के तौर पर उन्होंने मेरे बेटे युवराज के साथ जो किया उसके लिए कभी माफ नहीं कर पाऊंगा। साथ ही उन्होंने युवी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की है।

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह का कहना है कि धोनी की वजह से युवराज का क्रिकेट करियर चार साल पहले ही खत्म हो गया। एक यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए योगराज ने धोनी पर युवराज के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि धोनी को अपने किए पर पछतावा होना चाहिए। योगराज सिंह लंबे समय से धोनी पर युवराज के करियर को प्रभावित करने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि धोनी ने जानबूझकर युवराज को मौके नहीं दिए, जिससे उनका करियर समय से पहले ही खत्म हो गया।

योगराज सिंह ने कहा- मैं एमएस धोनी को कभी माफ नहीं करूंगा। उसे खुद को आईने में देखना चाहिए। वह एक बहुत बड़ा क्रिकेटर है मैं उसे सलाम करता हूं। लेकिन उसने मेरे बेटे के साथ जो किया वह अक्षम्य है। अब सब कुछ सामने आ रहा है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा- उस आदमी ने मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी। युवी चार-पांच साल और खेल सकता था। मैं सभी को चुनौती देता हूं कि वे युवराज जैसा बेटा पैदा करें। गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने भी कहा है कि युवराज सिंह जैसा दूसरा खिलाड़ी कभी नहीं होगा। भारत को उसे कैंसर से जूझते हुए खेलने और देश के लिए विश्व कप जीतने के लिए भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।

बता दें कि युवराज को 2011 विश्व कप के दौरान कैंसर था। बावजूद इसके वह खेलते रहे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे। कैंसर को हराकर उन्होंने सितंबर 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की। दिलचस्प बात यह है कि युवराज सिंह ने खुद भी एक इंटरव्यू में माना था कि धोनी के साथ उनके कभी करीबी रिश्ते नहीं रहे। रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट पर बात करते हुए युवराज ने कहा था- मैं और माही (महेंद्र सिंह धोनी) करीबी दोस्त नहीं हैं। हम क्रिकेट की वजह से दोस्त थे, हम साथ खेलते थे। मेरी लाइफस्टाइल उनसे बहुत अलग थी, इसलिए हम कभी करीबी दोस्त नहीं थे, हम सिर्फ क्रिकेट की वजह से दोस्त थे।

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