बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के इंडेक्स आज अपने ऐतिहासिक स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में यह अनुमान है कि BSE का सेंसेक्स 2 लाख के पार चला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कॉर्पोरेट के फायदे बढ़ेंगे और इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी।
मोतीलाल ओसवाल के रामदेव अग्रवाल का अनुमान
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने एक वर्चुअल इवेंट में इस तरह का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि अगले 10 सालों में सेंसेक्स 2 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगा। यानी आज के आधार पर सेंसेक्स में सालाना 15 हजार की बढ़त होगी। हालांकि इसी दिसंबर तक कई ब्रोकरेज हाउसों ने सेंसेक्स को 61 हजार तक जाने का लक्ष्य रखा है।
तमाम चुनौतियों के बावजूद बाजार बढ़ेगा
रामदेव अग्रवाल ने कहा कि भारत में तमाम चुनौतियों के बावजूद बाजार की तेजी जारी रहेगी। कोरोना के एक साल बीतने के बाद बाजार ने नया रिकॉर्ड बनाया है और एक साल में यह दोगुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि हमने सेंसेक्स को पिछले 40 सालों में 100 से 52 हजार के लेवल तक पहुंचते हुए देखा है। यह कभी भी सीधी रेखा में नहीं जाता है। इसलिए आगे भी इसमें उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, पर यह 2 लाख के लेवल तक जाएगा।
देश में अमेजिंग अवसर हैं
उन्होंने कहा कि देश में अमेजिंग अवसर हैं। ऐसे में कॉर्पोरेट कंपनियों का फायदा सालाना आधार पर 15% की चक्रवृद्धि की दर से बढ़त दिखेगी। उन्होंने कहा कि भारत में युवा आबादी ज्यादा है और साथ ही इसके लिए काफी इसके पक्ष में माहौल हैं। यहां मध्यम क्लास के लोग हैं जो अच्छा खासा योगदान इकोनॉमी में कर रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि टेंपरेरी स्तर पर कोरोना का असर जरूर दिखेगा लेकिन यह लंबे समय तक नहीं रहेगा। वैक्सीनेशन पूरा होने के बाद इसका असर कम हो जाएगा।
बिजनेस में तेजी दिखेगी
सरकार के फिस्कल रिस्पांस पूरी तरह से स्पष्ट हैं। रिजर्व बैंक पर्याप्त पैसों को सुनिश्चित कर रहा है। हमारा मानना है कि के शेप की रिकवरी कुछ सेक्टर्स और बड़े बिजनेस में तेजी से दिखेगी। आज सेंसेक्स सुबह 340 अंकों की बढ़त के साथ 52,641 पर पहुंच गया था। यह उसका अब तक का ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। इसी तरह निफ्टी 15,835 पर चला गया था। पिछले साल 23 मार्च को सेंसेक्स 25,981 पर जबकि निफ्टी 7,610 पर पहुंच गया था। इसी के साथ आज लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 231 लाख करोड़ रुपए हो गया है। निवेशकों की संख्या 7.04 करोड़ हो गई है।