कोरोना की महामारी शहर के साथ ही गांवों में विकराल रूप ले रही है, लेकिन यहां कोरोना के साथ ही लापरवाही और उपेक्षा का संक्रमण भी फैला हुआ है। बीमार होने पर ग्रामीण ताे लापरवाही कर ही रहे हैं, लेकिन गांवों में जांच और दवा की कमी भी है। स्वास्थ्य विभाग का अमला गांवों में कोरोना की मेडिकल किट पहुंचाने के प्रति सुस्त है।
प्रशासन को कुछ गांवों से इस संबंध में शिकायतें मिली हैं। फीवर क्लिनिक पर पहुंचने वाले ग्रामीणों को मेडिकल किट नहीं दी जा रही है। कम्पेल, सिवनी, खंडेल सहित अन्य गांवों में यही हालात हैं। सिवनी गांव के बच्चनसिंह ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े में सिवनी में 8, गढ़ी में 6 और खंडेल में 2 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा अन्य गांवों में कई कोरोना पाजिटिव हैं और हर गांव में कई लोग बीमार हैं।
पंचायत में आठ गांव आते हैं। सिवनी पंचायत के जनकपुर, बंजारी, खेड़ा में भी इक्का-दुक्का मौत हुई हैं। स्वास्यि विभाग की ओर से इन गांवों में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दवा आदि का कोई इंतजाम नहीं है। कम्पेल गांव में भी गुरुवार को मेडिकल किट खत्म हो गई थी। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनपद पंचायत और जनपद पंचायत से ग्राम पंचायत को मेडिकल किट भेजने की व्यवस्था की गई है। इंदौर जनपद पंचायत की विभिन्न ग्राम पंचायतों के लिए 25-25 मेडिकल किट देने का आश्वासन ब्लाक मेडिकल आफिसर ने दिया था, पर अब तक सभी पंचायतों में यह किट नहीं पहुंची है।