देश में कोरोना वायरस से अफरातफरी का माहौल है। संक्रमण की दूसरी लहर बेहद जानलेवा साबित हो रही है। हर दिन तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, जबकि मौंतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है। कोविड रोगियों के कारण अन्य मरीजों को अपना उपचार कराने में बेहद परेशानी हो रही है। इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission For Women) ने एक अच्छी पहल की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग गर्भवती महिलाओं की मदद करने आगे आया है। इसके लिए उन्होंने एक व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (WhatsApp Helpline Number) शुरू किया है, ताकि आपातकालीन मेडिकल सहायता मिल सके। हेल्पलाइन नंबर 9354954224 के जरिए गर्भवती महिलाएं इमरजेंसी में चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकती है। हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई ने राष्ट्र महिला आयोग के आंकड़ों के हवाले से एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक आयोग को वर्ष 2020 में पिछले 6 सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की सबसे अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार 23,722 शिकायतों में करीब एक-चौथाई घरेलू हिंसा की थी। सर्वाधिक कंप्लेंट उत्तरप्रदेश से थी। यूपी में 11,872, दिल्ली में 2,635, हरियाणा में 1,266 और महाराष्ट्र में 1,188 केस दर्ज हुए। कुल 5,294 शिकायतें घरेलू हिंसा जबकि 7708 शिकायतें जीवन के अधिकार के तहत थी। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आर्थिक असुरक्षा, तनाव, वित्तीय और परिवार से भावनात्मक सहयोग नहीं मिलने के कारण साल 20202 में घरेलू हिंसा की कम्प्लेंट्स बढ़ी है। बता दें इससे पहले राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि पांच प्रदेश की 30 फीसद से अधिक महिलाएं शारीरिक हिंसा की शिकार हुई हैं।