कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई लोगों ने अपनों को खो दिया है तो वहीं इस लहर में कई परिवार उजड़ चुके हैं। कोरोना के चलते ऐसे कई लोग हैं जिनके परिवार में अब कोई कमाने-खिलाने वाला तक नहीं बचा है, तो कई बच्चों के मां-बाप की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। ऐसे बच्चे अनाथ हो गए हैं।
योजना के अनुसार ऐसे बच्चे जिनके पिता की मौत हो गई हो और माँ को किसी शासकीय योजना से पेंशन नही मिलने वाली हो या ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनो की मौत हो गई हो। ऐसे अनाथ बच्चों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना शुरू की गई है।
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 वर्ष की उम्र तक 5000रु प्रति माह पेंशन देने, उनके राशन की व्यवस्था करने और केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई की निशुल्क व्यवस्था कराने सहित अन्य योजनाओं का लाभ देने की घोषणा की गई थी, इसके तहत जनपद पंचायत बालाघाट द्वारा कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के चिन्हाकन का कार्य शुरू कर दिया गया है जिसमें अब तक कोरोना से अनाथ हुए 30 से 35 बच्चों का चिन्हाकन किया गया है।