वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कोस्ते की सेवा सहकारी समिति स्थित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र के रास्ते पर किसानों के द्वारा टेंट लगाकर धरना आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है। सरकार के द्वारा दिए जा रहे २३०० रुपये के समर्थन मूल्य का विरोध कर चुनाव में की गई घोषणा ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग की जा रही है। यह धरना आंदोलन किसानों के द्वारा किसान गर्जना संगठन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर किया जा रहा है। जिसमें संगठन से जुड़े किसान और अन्य किसान भी साथ में आकर आंदोलन में आवाज बुलंद कर रहे हैं। वहीं खरीदी केंद्रो में किसानों को धान देने से रोक कर उन्हें अपनी हक की लड़ाई लडऩे के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह धरना आंदोलन १ दिसंबर से किसान गर्जना संगठन के माध्यम से प्रारंभ किया गया है। उसके बाद से लगातार खरीदी केंद्रो में धरना आंदोलन प्रारंभ होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में ४ दिसंबर को कोस्ते के किसानों के द्वारा खरीदी केंद्र के सामने धरना आंदोलन प्रारंभ किया गया। जो सुबह १० बजे से टेंट एवं फ्लेक्स लगाकर बैठे हुए हैं वह विभिन्न प्रकार के नारे लगाते हुए शासन को उनके द्वारा की गई विधानसभा चुनाव की घोषणा याद दिलाते हुए उसे पूरा करने की मांग की जा रही है।
शासन के द्वारा की जा रही वादा खिलाफी के खिलाफ में विरोध किया जा रहा है
किसानों के खरीफ की धान की उपज खरीदने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा वारासिवनी अंतर्गत २१ उपार्जन केंद्र की स्थापना करवाई गई है। जहां पर किसान अपनी उपज लेकर बेचने के लिए नहीं जा रहे हैं ,जहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है तो वहीं खरीदी केंद्र के उपकरण यथावत रखे हुए हैं। इस प्रकार भी किसानों के द्वारा अपने घरों में रहकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है तो वहीं कई किसानों के द्वारा खरीदी केंद्रो के सामने लगे टेंट में बैठकर धरना दिया जा रहा है। इस दोनों स्थिति में उपार्जन केंद्र खाली पड़े हुए हैं जहां पर खरीदी के तीसरे दिन भी किसी किसान के द्वारा अपनी उपज प्रशासन को नहीं दी गई। इसी से किसानों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है तो वहीं समिति को धान देने से पहले होने वाली स्लॉट बुकिंग भी किसानों के द्वारा नहीं की जा रही है। इस प्रकार से किसानों के द्वारा शासन के द्वारा की जा रही वादा खिलाफ ी के खिलाफ में विरोध किया जा रहा है।
जब तक किसानों की मांग पुरी नहीं होगी आंदोलन चलता रहेगा-धनलाल ठाकरे
किसान धनलाल ठाकरे ने बताया कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य देने के लिए घोषणा की गई थी। इसके बाद हमारा एक सीजन बीत गया समर्थन मूल्य नहीं दिया गया फिर दूसरे चुनाव में फि र से समर्थन मूल्य देने की बात कही गई सरकार बनने के बाद वह फि र नहीं दिया गया। इस प्रकार की वादा खिलाफ ी के खिलाफ किसानों ने अपनी मांग रखा है कि ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य जब तक नहीं देंगे तब तक किसान आंदोलन करता रहेगा। बाकी किसानों का भी इस आंदोलन को समर्थन है जिस कारण से किसान अपनी धान खरीदी केंद्रो में लेकर नहीं आ रहे हैं।
सरकार किसानों को लॉलीपॉप दे रही है-सत्यप्रकाश बिसेन
किसान सत्यप्रकाश बिसेन ने बताया कि विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र में भाजपा ने कहा था की धान का ३१००, गेहूं का २७०० रुपये समर्थन मूल्य सरकार देगी और फिर वादे से भटकी गयी। उसके बाद लोकसभा चुनाव में हमने मांग किये तो सरकार के नेताओं ने कहा इसे हम आगे देंगे। किंतु आज भी यह हमें २३०० रुपये के रूप में बेवकूफ बना रहे हैं। जबकि हमें अपनी मेहनत का वाजिब दाम मिलना चाहिए इसलिए मांग कर रहे हैं और जब तक नहीं मिलेगा तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा। यह लोग किसान को २३०० रुपये के रूप में लॉलीपॉप दे रहे हैं ,मुख्यमंत्री अभी बालाघाट आए एक शब्द उन्होंने किसानो के लिए नहीं कहा चुनाव के समय तो बहुत वादा किया था। यह आंदोलन १० दिसंबर तक चलना है और उसके बाद फि र आगे आंदोलन को बढ़ाया जायेगा।
सरकार अपनी कुर्सी बचाने लोगों को आलसी बना रही है-जियालाल भौरगढ़े
किसान जियालाल भौरगढ़े ने बताया कि सरकार अपनी कुर्सी बचाने लाडली बहन योजना में रुपये बाटकर लोगों को आलसी बना रही है। शिक्षित बेरोजगार आज डिग्री लेकर रोड़ पर घूम रहे हैं परंतु किसी की भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है। किसान गर्जना किसान के हित में आंदोलन कर रहा है सरकार अपनी बातों से मुकर गई है अपने वादे पर खड़ी नहीं है। ऐसी सरकार जो मुकर जाती है उस पर हमारा भरोसा नहीं है। हम सेवा सहकारी समिति के उपार्जन केंद्र में धान नहीं देंगे जब तक सरकार हमें ३१०० रुपये का दाम नहीं देगी। किसानों में बहुत आक्रोश है हम शांति पूर्वक अपनी मांग को पुरा करवाना चाहते हैं।