Fake News: केंद्र सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश की घोषणा की है। ये नियम अगले तीन महीनों में लागू हो जाएंगे। इस बीच एक फेक न्यूज (Fake News) भी सामने आई है। शुक्रवार को रिपोर्ट में दावा किया गया कि सभी सोशल मीडिया अकाउंट को तीन महीने के अंदर मोबाइल फोन के माध्यम से सरकारी आईडी से वेरिफिकेशन किया जाएगा। हालांकि पीआईबी फेक्ट चैक (PIB Fact Check) ने इस तरह के दावों का खंडन किया है। उन्होंने ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया और रिपोर्ट को गलत बताया है। वहीं बता दें फिलहाल सोशल मीडिया पर एक ओटीपी से वेरीफिकेशन हो जाता था, लेकिन नए नियम में ये आईडी मांगेंगे। अभी ये ऑप्शनल है, लेकिन अनिवार्य हो सकता है।
बता दें कि केंद्र की नई गाइडलाइन के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किसी आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत पर 24 घंटे में हटाना होगा। देश की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, दुष्कर्म जैसे मामलों में की गई आपत्तिजनक पोस्ट और संदेश को सबसे पहले पोस्ट करने वाले की पहचान बतानी होगी। ऐसे केस में कम से कम पांच वर्ष की जेल होगी। वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए तीन श्रेणियां बनेंगी। डिजिटल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सेल्फ रेगुलेशन करना होगा। देश में 53 करोड़ वॉट्सएप. 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टाग्राम और 1.75 करोड़ ट्विटर यूजर हैं।
वही शिकायत निपटाने के लिए एक तंत्र बनाया जाएगा। जिसमें एक भारतीय अधिकारी की नियुक्ति होगी। इस अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज करनी होगी और 15 दिन में निपटारा करना होगा। ओटीटी को पैरेंटल लॉक की व्यवस्था करनी होगी। जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सकें, जो उनके लिए सहीं नहीं है। फिल्मों की तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी कंटेंट उंम्र के हिसाब से तय करना होगा। न्यूज पोर्टल्स के लिए एक सरकारी बॉडी बनेगी। यह प्रकाशक को चेतावनी, कंटेंट हटाने जैसे निर्देश दे सकेगी। यूट्यूब पर चैनल चलाने वालों को भी सरकार को जानकारी देनी होगी कि वो न्यूज संबंधित चैनल चलाते हैं।