हिसार पुलिस ने क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को जातिगत टिप्पणी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। हरियाणा के हांसी में उनके खिलाफ अनुसूचित जाति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का मामला दर्ज है। युवराज पर आरोप है कि उन्होंने बीते साल लाइव चैट के दौरान युजवेंद्र चहल पर अनुसूचित जाति के जुड़ी अपमानजनक टिप्पणी की थी। पुलिस ने इस मामले में युवराज को गिरफ्तार करने के बाद लंबी पूछताछ की। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर युवराज सिंह को औपचारिक जमानत पर छोड़ दिया गया।
जातिगत टिप्पणी करने के मामले में सोशल एक्टिविस्ट और अधिवक्ता रजत कलसन ने हांसी थाना शहर में एससी एसटी एक्ट के तहत FIR दर्ज करवाया था। युवराज हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस जांच में शामिल होने के लिए हिसार पहुंचे थे। उनके साथ सुरक्षाकर्मी के सहित चार पांच लोग और वकील भी चंडीगढ़ से हिसार पहुंचे थे। वैसे, इस मामले में कुछ दिन पहले हाईकोर्ट (High Court) ने युवराज सिंह को अग्रिम जमानत के आदेश दे दिए थे। इसी वजह से हांसी पुलिस ने उनकी औपचारिक तौर पर गिरफ्तारी की, कुछ सवालों के जवाब उनसे लिए और फिर अग्रिम जमानत के कागजातों के आधार पर उन्हें छोड़ दिया। कुछ घंटों की कार्रवाई और पूछताछ के बाद युवराज सिंह एक बार फिर चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।
क्या था मामला?
युवराज सिंह से जुड़ा ये मामला पिछले साल का है। लॉकडाउन के दौरान युजवेंद्र चहल टिकटॉक पर अपने डांस के वीडियो अपलोड करते थे। उसी को लेकर इंस्टाग्राम में रोहित शर्मा के साथ बातचीत करते हुए युवराज सिंह ने जातिसूचक अभद्र टिप्पणी की थी। इसके फौरन बाद सोशल मीडिया पर उनका जमकर विरोध होने लगा था। ट्विटर पर #युवराज_सिंह_माफी_मांगो काफी ट्रेंड करने लगा था। विवाद बढ़ता देख कुछ दिन बाद युवराज ने दुनिया के सामने अपनी गलती स्वीकारी और सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर खेद जताया और माफी मांगी।