ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने टी10 को लेकर कहा है कि क्रिकेट के भविष्य के लिए इतने ज्यादा छोटे प्रारुप सही नहीं है। इयान ने कहा कि खेल के प्रशासकों को इस मामले में गंभीरता से विचार करना होगा। साथ ही कहा कि पेशेवर लाभ के नजरिये से देखा जाये तो छोटे प्रारुप से जमकर आर्थिक लाभ होता है पर इससे खेल को नुकसान हो रहा है। पेशेवर खिलाड़ियों के लिए भी टी10 प्रारुप ठीक नहीं है।
चैपल का मानना है कि क्रिकेट के भविष्य पर सभी को मिलकर बात कर कोई हल निकालना होगा। इसमें यह देखना होगा कि इतने ज्यादा प्रारुप होने चाहिये कि नहीं। इसके बाद इसपर कोई फैसला लेना सही होगा।
चैपल ने कहा, ‘‘इस विषय पर पहले ही बात हो जानी चाहिये थी हालांकि अब भी समय है जब हम इस मामले को लेकर सतर्क हो जायें।’’
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में खेलने की शैली में भारी बदलाव आया है और पर उसके भविष्य पर किसी का ध्यान नहीं गया है। इसपर कोई योजना भी नहीं बनायी गयी है। पहले एकदिवसीय क्रिकेट लोकप्रिय हुआ था वहीं अब टी20 ने उसकी जगह ले ली है। इन हालातों में टेस्ट क्रिकेट की बात कम ही होती है।
चैपल ने बेन स्टोक्स के अचानक ही एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास पर कहा कि इसकी पहले से ही आशंका थी और यह चिंता का भी कारण है।
उन्होंने कहा, ‘‘50 ओवर का मैच अगर अच्छी तरह खेला जाता है तो यह अच्छा क्रिकेट मैच होता है जो मनोरंजन भी प्रदान करता है। ये आमतौर पर बड़ी उम्र के खिलाड़ियों की भावनायें हैं जो केवल दो ही प्रारूप जानते थे। ’’
चैपल ने कहा, ‘‘वर्तमान खिलाड़ी अकसर विशेष रूप से आईपीएल और आम तौर पर टी20 मैच खेलते हैं , इसलिये जब संतुष्टि की बात आती है तो उनकी सूची में टी20 ही सबसे ऊपर होता है। ’’
उन्होंने कहा कि कोई फैसला लेने से पहले क्रिकेट के इतिहास पर भी नजर डालने की जरूरत है। सीमित ओवर प्रारूप टेस्ट क्रिकेट के उबाऊ होने के कारण आया।
इसके बाद अब 50 ओवर भी हमें अधिक लग रहे हैं , इसलिए अब टी20 प्रारु लोकप्रिय है। इसी प्रकार टी10 भी सामने आ रहा है। इससे खिलाड़ी व्यस्त होते जा रहे हैं।