बालाघाट(पदमेश न्यूज़)। खदान ठेका श्रमिक संगठन जिला बालाघाट की बैठक भरवेली के श्री राम मंदिर में शनिवार को आयोजित की गई । जिसमें उपस्थित प्रमुख अतिथियों द्वारा खदान में कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को कार्य के दौरान किसी तरह की होने वाली दुर्घटना के समय मिलने वाली सहायता राशि सहित उनके अधिकारों व नियमों के बारे में जानकारी देते हुये श्रमिकों को जागरूक किया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख राजकुमार मोहारे, भारतीय मजदूर संघ जिला महामंत्री मनोज सोहागपुरे, श्रमि विधि सलाहकार हरि गौतम, खदान ठेका श्रमिक संगठन अध्यक्ष अनिल बोरकर, जिला महामंत्री रवि कुमार शिववंशी, संगठन मंत्री पवन मरकाम प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
मुआवजा, मेडिकल सहित अन्य बिंदुओं पर अपनाए जा रहे अलग-अलग मापदंड – रवि
आयोजित बैठक को लेकर की गई चर्चा के दौरान खदान ठेका श्रमिक संगठन जिला महामंत्री रवि शिववंशी ने बताया कि खदान में जो ठेका श्रमिक कार्य करते है उनके साथ दुर्घटना होती है तो उन्हें जो राशि मिलती है वह किसी को कम तो किसी को ज्यादा दी जाती है। श्रमिकों व उनके परिजनों को ये मालूत नहीं है कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर व घायल होने पर कितनी राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में किसी श्रमिक की मृत्यु होने पर जो मॉयल का प्रबंधन होता है वह ठेकेदार को जिम्मेदार बताकर उस पर पूरी बात डालकर स्वयं बचने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि किसी श्रमिक की खदान के अंदर कार्य के दौरान दुर्घटना व मौत होने पर मॉयल प्रबंधन जिम्मेदारी ले और उसका मुआवजा दिया जाए। मलाजखंड माइन्स में माइन्स द्वारा श्रमिकों का इंश्योरेंस कराया जाता है और दुर्घटना होने पर माइन्स श्रमिक के परिजनों को मुआवजा देती है लेकिन अन्य खदानों में ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिकों को मेडिकल सुविधा भी नहीं है। श्रमिक को कोई चोट आती है तो उन्हें स्वयं राशि खर्च कर उपचार कराना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगामी दिनों में मॉयल प्रबंधन व शासन-प्रशासन को ज्ञापन भी दिया जाएंगा। बैठक में खदान ठेका श्रमिक संगठन के पदाधिकारी व श्रमिक उपस्थित रहे।