गणपति बप्पा मोरिया के जय घोष से गूंजा शमा

0

प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसील व ग्रामीण अंचलों में गणेश उत्सव की धूम देखी जा रही है।जहां गणेश उत्सव के अवसर पर जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों और घरोंन घर पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित कर उनकी विशेष पूजा आराधना शुरू कर दी गई है ।जहां पूजा अर्चना का यहां सिलसिला आगामी 10 दिनों तक जिले में देखने को मिलेगा।जहां 10 दिनों बाद स्थापित की गई इन गणेश प्रतिमाओं का जिले के विभिन्न जलाशयों में विसर्जन किया जाएगा।आज 7 सितंबर को प्रथम पूज्य भगवान गणेश के के आगमन को लेकर घर, मंदिर और पंडालो में भगवान गणेश की भक्तों द्वारा मनोहारी प्रतिमा को विराजित किया गया।

10 दिनों तक होगी विशेष उपासना
बताया जा रहा है कि सभी देवी देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत आज 7 सितंबर से हो गई। सोमवार को भगवान गणेश की मनोहारी और आकर्षक प्रतिमाओं को पूरे भक्तिभाव के साथ मंदिर, पंडालों और घरो में विराजित किया गया और दस दिनों तक भक्तिभाव से उनकी पूजा-अर्चना, आराधना और उपासना की जायेगी।

भक्तगणो ने किया गणपति बप्पा मोरिया का जय घोष
10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में भक्ति का माहौल है।इस वर्ष सार्वजनिक स्थलों और घरो में गणेश स्थापना को लेकर खासी रौनक देखी जा रही है। कहते है कि विघ्नहर्ता, रिद्धी-सिद्धी के दाता एवं बुद्धि के विधाता भगवान गणेश की इन दस दिनों में की जाने वाली सच्चे मन से आराधना और उपासना से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है।जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे। इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऐसी कहा जाता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है। पूरे जिले में मनाये जाने वाले दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व को लेकर भक्तों मे जोश और उत्साह दिखाई दे रहा है। आज प्रतिमा को घर और विभिन्न पंडाल ले जाते समय भक्तों में खासा उत्साह नजर आया और भक्तगण गणपति बप्पा मोरिया की जय घोष लगाते हुए नजर आए।

17 सितंबर को होगा विसर्जन
7 सितंबर से शुरू हुए गणेश उत्सव का 17 सितंबर को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समापन किया जाएगा। जहां जिले के विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इसके उपरांत प्रतिमाओं का विसर्जन कर गणेश उत्सव का समापन होगा,इसके पूर्व विभिन्न समितियो व भक्तों द्वारा पंडालों और घरों से विसर्जन स्थल तक ढोल नगाड़ो ,बैंड बाजे व डीजे के साथ भक्ति भाव में यात्रा निकाली जाएगी। जहां भक्तगण गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू लौकरयां के नारे के साथ बप्पा को विदाई देंगे तो वही प्रतिमाओं का विसर्जन कर परिवार की सुख समृद्धि मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थनाएं करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here