राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पिछले 48 घंटों में उन्होंने जिस तरीके के करतब दिखाए हैं। उससे स्पष्ट है कि वह एक अच्छे जादूगर हैं। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री का पद छोड़ना नहीं चाहते थे। हाईकमान के दबाव के चलते उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना स्वीकार जरूर कर लिया था। लेकिन पिछले 48 घंटों में उनके एक तीर से दो शिकार हुए। सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने का जो सपना देख रहे थे।वह चुनौती गहलोत ने समाप्त कर दी। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भी अब उनके स्थान पर कोई अन्य नेता चुना जाएगा।
बदली हुई परिस्थितियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नए नए नाम सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2023 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़कर सरकार बनाने के बाद ही दिल्ली लौटने की बात कही है। कमलनाथ के इनकार करने के बाद अब अध्यक्ष पद की दौड़ में पवन कुमार बंसल। दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, कुमारी शैलजा के नामों की चर्चा हो रही है। पवन कुमार बंसल ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भी मंगवा लिया है। अभी तक शशि थरूर और पवन कुमार बंसल ने ही अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र प्राप्त किए हैं।
अशोक गहलोत ने दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी से बात कर गलतफहमियां दूर करने में सफलता हासिल की है। जिससे यह माना जा रहा है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री आगे भी बने रहेंगे। गुजरात विधानसभा के चुनाव की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होगी।